दूसरे दिन भी जारी रहा आशा कार्यकत्रियों का प्रदर्शन
काशीपुर। उत्तराखंड आशा हैल्थ वर्क्स यूनियन के आह्वान पर 12 सूत्रीय मांगों के निस्तारण नहीं होने पर पांच दिवसीय कार्यबहिष्कार व धरना-प्रदर्शन के दूसरे दिन कार्यकत्रियों ने सरकारी अस्पताल परिसर में शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मंगलवार को यूनियन से जुड़ी आशा कार्यकत्रियों ने सीएमएस डॉ.पीके सिन्हा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा आशाओं को मातृ-शिशु मृत्युदर कम करने के लिए नियुक्त किया गया था। लेकिन कार्यकत्रियों से स्वास्थ संबंधी अन्य काम व सर्वे आदि कराए जाते हैं।
बावजूद इसके उनको उसके एवज में कोई भुगतान नहीं दिया जाता है। साथ ही कहा तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दस-दस हजार रुपये कोविड भत्ता देने की 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर घोषणा की थी। लेकिन अब तक उनके खाते में उक्त धनराशी नहीं आयी। कार्यकत्रियों ने 12 सूत्रीय मांगों में मुख्य रूप से कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और न्यूनतम वेतन 21 हजार करने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन प्रावधान करने, पूर्व सीएम द्वारा घोषित धनराशी शीघ्र खातों में डलवाने, देयक मासिक राशी व अन्य मदों का बकाया भुगतान शीघ्र करने समेत अन्य मांगें हैं।
संगठन की अध्यक्ष स्नेह लता चौहान ने कहा नगर व ग्रामीण क्षेत्र की सभी आशा कार्यकत्रियां आंदोलन में शामिल हो रही हैं। इस मौके पर आशा कार्यकत्री चित्रा चौहान, सुधा दुबे, धर्मवती, कमलेश सैनी, सुनीता चंद्रा, शशिवाला, ममता देवी, सोनी शर्मा, लक्ष्मी कश्यप, अंजू पाल, गुड्डी शर्मा, मधुवाला,सरिता सक्सेना, प्रभा देवी समेत बड़ी संख्या में कार्यकत्री मौजूद थीं।