डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूलने पर लगाई जाए रोक
-नगर निगम के कई पार्षदों ने निगम के फैसले के खिलाफ ही उठाई आवाज
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम कोटद्वार ने सभी वार्डों से घर-घर जाकर कूड़ा शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। हालांकि, निगम की यह योजना शुरू होने से पहली इसका विरोध शुरू हो गया है। शुक्रवार को कई पार्षदों ने नगर निगम के इस फैसले का विरोध किया और नगर आयुक्त को पत्र सौंप डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूलने पर रोक लगाने की मांग की।
बता दें कि नगर निगम ने बीते वर्ष भी डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूलने की योजना बनाई थी, लेकिन तब भी पार्षदों के विरोध के चलते निगम इस योजना पर कार्य नहीं कर पाया था। अब एक बार फिर निगम ने शुल्क वसूलने की तैयारी की तो पार्षद फिर से इसके विरोध में आ गए हैं। उनका कहना है कि डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूलने से पहले इसके संबंध में प्रदेश सरकार को पत्र भेजा जाए। साथ ही इस मुद्दे को नगर निगम की बोर्ड बैठक में लाया जाए। गौरतलब है कि नगर निगम कोटद्वार वर्तमान में सभी वार्डों से कूड़ा उठान का कार्य करता है, लेकिन शुल्क पूर्ववर्ती नगर पालिका क्षेत्र में शामिल 11 वार्डों से ही वसूला जाता है। नगर निगम ने सख्त निर्देश दिए हैं कि घर का कूड़ा निगम की गाड़ी में ही डाला जाए। यदि कोई भवन स्वामी घर का कूड़ा गाड़ी में नहीं डालता है तो संबंधित से जुर्माना वसूला जाएगा।
डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूलने के पीछे यह बताई जा रही वजह
नगर निगम ने 40 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए 15 गाड़ियां लगाई हुई हैं। जिनमें प्रतिमाह करीब ढाई लाख रुपये का ईंधन खर्च होता है। वहीं प्रत्येक वाहन चालक को प्रतिमाह 15 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। इसके अलावा इन वाहनों में तैनात दो-दो सफाई कर्मियों को प्रतिमाह करीब आठ हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि इन सभी के चलते कूड़ा उठान में लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं, जबकि इसके सापेक्ष निगम को उतना राजस्व नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में निगम की आय बढ़ाने के लिए डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूलने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश सरकार ने की थी 10 वर्षों तक किसी भी तरह का शुल्क न वसूलने की घोषणा
काशीरामपुर तल्ला के पार्षद सूरज प्रसाद कांती, वार्ड नंबर 17 की पार्षद बीना नेगी, वार्ड नंबर 20 की पार्षद विजेता, वार्ड नंबर नौ के पार्षद प्रवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की थी कि नगर निगम में शामिल नए वार्डों से आगामी 10 वर्षों तक किसी भी तरह का शुल्क नहीं वसूला जाएगा। लेकिन, उसके बावजूद जनता से डोर टू डोर कूड़ा शुल्क वसूला जा रहा है।