‘सब्जियों की कीमतों की वजह से जुलाई में मुद्रास्फीति 7.4% हुई, अब घट रहे दाम’, शक्तिकांत दास का बयान
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति के दूसरे दौर के प्रभाव को लेकर सजग है। वे महंगाई दर को चार फीसदी पर लाने के लिए भी प्रयासरत है। इसके लिए केंद्रीय जोखिमों पर नजर रखेगा, क्योंकि कई बार होने वाले वैश्विक आपूर्ति झटके का मूल्य स्थिति के प्रबंधन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कम, स्थिर मुद्रास्फीति के दौर में परिवारों, कारोबार क्षेत्रों को अपनी दीर्घावधि की बचत और निवेश योजना बनाने में मदद मिली। शक्तिकांत दास ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में बोलते हुए यह भी कहा कि सब्जियों की कीमतों की वजह से जुलाई में मुद्रास्फीति 7.4 प्रतिशत पर पहुंची है। अब सब्जियों के दाम घटने लगे हैं।
दास ने आगे कहा, आरबीआई यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है कि महंगाई के संबंध में सामान्यीकरण और दृढ़ता के रूप में दूसरे प्रभावों को हावी न होने दिया जाए। केंद्रीय बैंक को महंगाई को दो फीसदी कम या ज्यादा के साथ चार फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी है। बार-बार होने वाली खाद्य कीमतों के झटके की घटनाएं महंगाई की उम्मीदों के स्थिरीकरण के लिए जोखिम पैदा करती हैं। महंगाई फरवरी 2022 से ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। हम इस पहलू पर भी नजर रखेंगे।
दास ने कहा, सरकार की ओर से किए जा रहे निरंतर और समय पर आपूर्ति पक्ष के हस्तक्षेप की भूमिका ऐसे खाद्य मूल्य झटकों की गंभीरता और अवधि को सीमित करने में महत्वपूर्ण है। इन परिस्थितियों में मूल्य स्थिरता के लिए किसी भी जोखिम के प्रति सतर्क रहने के साथ समय पर और उचित रूप से कार्य करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, हम अभी भी महंगाई के लक्ष्य को चार फीसदी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा हम नहीं दे सकते। सब्जियों की कीमतों में तेजी से जुलाई में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्च स्तर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई थी।
वहीं, यह भी सामने आया है कि आरबीआई सीबीडीसी को कॉल मनी मार्केट के लिए टोकन के रूप में विस्तारित करने की योजना बना रहा है। आरबीआई के सूत्रों ने बताया कि आरबीआई अब इंटरबैंक ऋण बाजार में जाने की योजना बना रहा है। ऐसे में होलसेल सीबीडीसी का उद्देश्य विभिन्न तकनीकों को आजमाना है। सूत्रों ने कहा कि होलसेल पायलट के लिए प्रौद्योगिकी पर प्रयोग करना अपेक्षाकृत आसान होता है।
केंद्रीय बजट 2022-23 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) नामक डिजिटल मुद्रा को शुरू करने की घोषणा की थी। बाद में वित्त विधेयक 2022 के पारित होने के साथ आरबीआई अधिनियम, 1934 की संबंधित धारा में आवश्यक संशोधन किए गए थे। बता दें कि सीबीडीसी संप्रभु मुद्रा का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है। यह नकदी की तरह कोई ब्याज अर्जित नहीं करेगा, लेकिन इसे नकद के विभिन्न रूपों में परिवर्तित किया जा सकता है।
हाल ही में आरबीआई ने पायलट प्रोजेक्ट होलसेल सीबीडीसी शुरू किया है। इसके लिए नौ बैंकों – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फस्र्ट बैंक और एचएसबीसी को चुना गया है।