उत्तराखंड

नदियों को प्रदूषित करने वाले नहीं आ रहे बाज

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बागेश्वर। कार्तिका पूर्णिता पर सरयू स्नान करने के बाद लोग नदी के जल को बाबा बागनाथ में चढ़ा रहे हैं, लेकिन नदियों को प्रदूषित करने वाले भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वह शादी-विवाह में उपयोग किए जाने वाले बर्तन नदी में धो रहे हैं। इतना ही नहीं जूठन भी नदी में ही प्रभावित कर रहे हैं। इस पर लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है। जल्द ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। मालूम हो कि चार नवंबर को नमामि गंगे योजना के तहत सरयू तट पर उत्सव कार्यक्रम किया गया। इस दौरान दीपोत्सव व नदियों को साफ रखने का भी संकल्प लिया गया। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष, डीएम समेत जिले के अधिकारी शामिल रहे। लेकिन यह संकल्प सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गया। सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर लोग गंगा स्नान को पहुंचे। उस दौरान नदी में शादी-विवाह के उपयोग में लाए गए बर्तन धोए गए। इतना ही नहीं बर्तनों की जूठन आदि को नदी में डाल दिया। इस पर क्षेत्र के लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि नदी में आए दिन कपड़े धोए जाते हैं। अब शादी-विवाह का कार्यक्रम भी शुरू हो गया है। आए दिन नदियों में जूठन देंकी जाएगी। उन्होंने नगर पालिका से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही सरयू तट पर कार्यक्रम करने की अनुमति देने से पहले नदी की स्वच्छता की शपथ उन्हें दिलाएं।

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