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गृह मंत्री की अध्यक्षता में कोलकाता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की हुई बैठक, सीमा पार अपराधों की जांच पर जोर

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कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि सीमा पार अपराधों की जांच के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले राज्यों की भी समान जिम्मेदारी है। उन्होंने कोलकाता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह टिप्पणी की।
राज्य सचिवालय नवान्न के सूत्रों ने कहा कि शाह ने कुछ राज्य सरकारों के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि बीएसएफ की लापरवाही के कारण अवैध घुसपैठ और तस्करी जैसे अपराध हो रहे हैं। उन्होंने बैठक में कहा कि संबंधित राज्य सरकारों की भी सीमा पार अपराधों की जांच करने की समान जिम्मेदारी है। उन्होंने आह्वान किया कि बीएसएफ के साथ राज्य सहयोग करें ताकि वह और अधिक सक्रिय हो सकें।
राज्य सचिवालय सभागार में आयोजित इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाग लिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बैठक में शामिल नहीं हुए। ओडिशा से दो मंत्री बैठक में शामिल हुए। जबकि बिहार से नीतीश की जगह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बैठक में भाग लिया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला समेत केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में सीमा सुरक्षा समेत संबंधित राज्यों के हितों व समस्याओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
केंद्रीय गृह मंत्री ने दावा किया कि केंद्र आंतरिक सुरक्षा के मामले को सरकार गंभीरता से ले रही है। इस बिंदु पर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच एक सहज समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले शासन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कुछ खामियां थीं, जिन्हें वर्तमान केंद्र सरकार हल करने की कोशिश कर रही है।
बैठक में उठाया गया एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा रेलवे भूमि का अतिक्रमण था। रेलवे बोर्ड के सदस्य (कार्य) बृजेश कुमार ने इस मुद्दे को उठाया और रेलवे भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए संबंधित राज्य सरकार से सहयोग मांगा। हालांकि, राज्य सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि जब शाह ने राज्य सरकार पर इसपर कार्रवाई करने पर जोर दिया, तो ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना उचित मुआवजे और पुनर्वास के बिना संभव नहीं होगा।
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके चेंबर में अलग से भी बैठक की। सूत्रों के अनुसार, ममता के आमंत्रण पर शाह राज्य सचिवालय के 14वें तले पर स्थित मुख्यमंत्री के चेंबर में पहुंचे और बंद कमरे में दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक चलीं। इसके बाद दोपहर 2़30 बजे शाह कोलकाता एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। सूत्रों का कहना है कि ममता के साथ अलग से बैठक में शाह ने सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। बता दें कि ममता विभिन्न मुद्दों पर केंद्र के खिलाफ लगातार आक्रामक रही है। इन सबके बीच दोनों के बीच अलग से इस बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
हालांकि दोनों के बीच इस बैठक पर बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि इसका राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। सुवेंदु ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गृह मंत्री शाह ने एयरपोर्ट जाने के रास्ते में उन्हें बताया कि ममता के साथ अलग से बैठक में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ को सुरक्षा चौकी बनाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। शाह ने उन्हें बताया कि बीएसएफ को 72 सीमा चौकी बनाने के लिए राज्य सरकार जमीन नहीं दे रही है। इसमें उन्होंने सहयोग की अपील की।
इधर, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के दौरान ममता व बीएसएफ अधिकारियों के बीच बहस होने की भी खबर है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएफ की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है। जिसके बाद बीएसएफ अधिकारियों के साथ बहस हो गई। बैठक में बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) पंकज कुमार सिंह भी मौजूद थे। बता दें कि इससे पहले ममता ने बीएसएफ के दायरे को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का भी पुरजोर विरोध किया था।

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