उत्तराखंड

जसपुर में नौ केंद्रों पर गेहूं के इंतजार में बैठे हैं कर्मचारी

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काशीपुर। गेहूं तौल के लिए कांटों को लगाए पूरे 30 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक केवल चार कांटों पर महज 1240 कुंतल गेहूं ही तुला है। इसका मुख्य कारण खेतों में नमी एवं बाजार रेट अधिक होना बताया गया है। कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे किसानों की राह देख रहे हैं। बीती एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद गेहूं खरीद को 13 केंद्र बनाये गये हैं। इनमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के कांटे तहसील में लगे हैं। बताया कि सात कांटे क्रय विक्रय समिति, किसान सेवा सहाकारी समिति, गढ़ीनेगी साधन सहकारी समिति, फीकापार सहकारी समिति के हैं। जबकि तीन कांटे नैफेड ने लगाए हैं। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य भी पिछले साल के मुकाबले 40 रुपये अधिक रखा है। बावजूद इसके अभी तक खाद्य निरीक्षक के तहसील कांटे पर 1149 कुंतल, तो फीकापार सहकारी समिति के धर्मपुर स्थित कांटे पर 91 कुंतल गेहूं की खरीद हुई है। बताते हैं बाजार में किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य से अधिक रेट मिल रहा है। साथ ही उनका नमीं का गेहूं भी आसानी से बिक रहा है। इसके चलते वह तौल कांटों पर अपना गेहूं नहीं ला रहे हैं। एसएमओ वीपी त्रिवेदी ने बताया कि अधिकारी किसानों का इंतजार कर रहे हैं। इस बार समर्थन मूल्य पिछले साल से अधिक है। एसएमओ वीपी त्रिवेदी ने बताया कि खाद्य विभाग ने 29 किसानों से गेहूं खरीदा था। उसकी रकम 23 लाख का भुगतान उन्हें कर दिया गया है। वहीं, सहकारी समिति ने भी किसानों को पेंमेट दे दी है।

 

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