उत्तराखंड

पर्यावरण प्रेमी शंकर ने राष्ट्रपति तक पहुंचाई जल, जंगल, जमीन बचाने की मांग

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अल्मोड़ा। जंगल बचाओ, जंगलों में आग नहीं लगने दो, जल बचाओ, पर्यावरण बचाओ संदेश को लेकर चनौला (पखाखरिक)ग्राम पंचायत से 1 अप्रैल को पैदल यात्रा में राष्ट्रपति भवन की ओर निकले शंकर बिष्ट की यात्रा बुधवार 19 अप्रैल को पूरी हो गई। बुधवार को उत्तराखंड के विभिन्न संगठनों ने दिल्ली में उनका स्वागत कर उनकी ओर से जन जागृति के माध्यम से चलाई इस मुहिम को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। यात्रा के पहले पड़ाव में प्रदेश मुख्यमंत्री से मिलने के बाद 18 दिनों में 650 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर वह दिल्ली राष्ट्रपति भवन तक पहुंचे। शंकर बिष्ट ने बताया कि उन्हें राष्ट्रपति भवन में जाने की इजाजत तो नहीं मिल पाई, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उनका ज्ञापन लेकर राष्ट्रपति तक पहुंचाया। बुधवार को दिल्ली में यूथ हस्टल अफ एसोसिएशन इंडिया ने पैदल जन जागृति यात्रा का स्वागत कार्यक्रम रखा था। इसमें अध्यक्ष केएल शर्मा, दिनेश फुलारा, खुशाल सिंह रावत, देव सिंह राणा, अमर सिंह मेहरा, प्रहलाद, सचिन, नौला फाउंडेशन से अमरनाथ मौजूद रहे। बताया कि अधिकतर लोग पहाड़ी समाज और पहाड़ से जुड़े हुए थे। वह पहाड़ की इस समस्या के बारे में चिंतित थे।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिल सौंपा ज्ञापन
पर्यावरण प्रेमी शंकर बिष्ट ने बताया कि गुरुवार को दिनेश फुलारा के सानिध्य में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। इसमें उन्हें पहाड़ में धधकती आग और लगातार फैलते चीड़ की समस्याओं और उसके समाधान की खोज के संबंध में ज्ञापन सौंपा।

 

 

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