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ईवीएम में पार्टी निशान की जगह प्रत्याशी का ब्योरा रखने की मांग, एसजी से मांगा जवाब: सुको

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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें ईवीएम (इलेक्ट्रनिक वोटिंग मशीन) में मतपत्र से चुनाव चिह्न हटाकर उसी जगह प्रत्याशी का ब्योरा देने की मांग की गई है। अदालत ने इस याचिका पर शुक्रवार को अटर्नी जनरल और सलिसिटर जनरल से जवाब मांगा। याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में मतपत्र से चुनाव चिह्न हटा कर उसके स्थान पर प्रत्याशी का नाम, उम्र, शैक्षिक योग्यता और तस्वीर आदि की जानकारी डालने के लिए निर्वाचन आयोग को आदेश दिया जाए।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने केंद्र सरकार और भारतीय निर्वाचन आयोग को कोई नोटिस जारी किए बिना याचिकाकर्ता भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को उनकी याचिका की एक प्रति अटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल तथा सलिसीटर जनरल तुषार मेहता को देने के लिए कहा।
पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सूचीबद्घ करते हुए कहा कि आप एजी और एसजी को याचिका की प्रतियां दे दें। फिलहाल हम कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह से यह जानना चाहा कि इलेक्ट्रनिक वोटिंग मशीनों में चुनाव चिह्न रखे जाने पर क्या आपत्तियां हैं।
सिंह ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है लेकिन उसका जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता इसलिए ईवीएम में चुनाव चिह्न के बजाय प्रत्याशी का ब्यौरा चाहते हैं ताकि यह पता चल सके कि प्रत्याशी कितना लोकप्रिय है।
सिंह ने आगे यह भी कहा कि उन्होंने ब्राजील की व्यवस्था का अध्ययन किया जहां चुनाव चिह्न नहीं बल्कि प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए अंक दिए जाते हैं। पीठ ने सिंह से पूछा कि चुनाव चिह्न किस तरह इलेक्ट्रनिक वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। इस पर सिंह ने कहा कि इस बारे में वह अगली सुनवाई में बताएंगे। याचिकाकर्ता उपाध्याय ने यह घोषण करने का आदेश देने की भी मांग की कि ईवीएम में पार्टी के चिह्न का इस्तेमाल अवैध, असंवैधानिक और संविधान का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खात्मे और राजनीति का अपराधीकरण समाप्त करने का बेहतरीन तरीका ईवीएम से राजनीतिक दल का चिह्न हटाना और उसकी जगह प्रत्याशी का नाम, उम्र, शैक्षिक योग्यता तथा प्रत्याशी का फोटो डालना है। याचिका में कहा गया है कि पार्टी के चिह्न के बिना मतपत्र और ईवीएम के कई फायदे होंगे, क्योंकि इससे मतदाताओं को प्रतिभावान, ईमानदार और समर्पित प्रत्याशी का चयन करने में मदद मिलेगी।

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