कोटद्वार-पौड़ी

वन विभाग ने रिखणीखाल में सक्रिय दूसरा बाघ पकड़ा, भेजा रेस्क्यू सेंटर

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : रिखणीखाल ब्लाक के गांव में सक्रिय बाघ को पकड़ने में वन विभाग को सफलता मिल गई है। बाघ के पकड़े जाने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग के अनुसार पकड़ा गया बाघ मात्र डेढ़ साल का है और अभी शिकार करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है।
रिखणीखाल क्षेत्र में दो बाघ सक्रिय थे, इनमें से एक बाघ को पहले ही पकड़ लिया गया था। बीते कई दिनों से बाघ यहां सक्रिय था, जिस कारण लोग दहशत में थे। रिखणीखाल ब्लाक के डल्ला गांव में बाघ ने बीती 13 अप्रैल को एक व्यक्ति को मार दिया था इसके दो दिन बाद ही नैनीडांडा ब्लाक के भैड़गांव में बाघ ने एक रिटायर शिक्षक को भी निवाला बनाया था। जिस कारण आसपास के सभी गांवों में दहशत बनी हुई थी। इस बीच प्रशासन ने कफ्र्यू लगाने के साथ ही आसपास की आधा दर्जन से भी अधिक स्कूलों को बंद भी रखा था। गढ़वाल वन प्रभाग की धुमाकोट रेंज का यह हिस्सा कार्बेट से लगा हुआ है। वन विभाग ने इन हादसों के बाद 26 अप्रैल को ट्रैंक्यूलाइज कर एक बाघ पकड़ लिया था। लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही दूसरा बाघ भी यहां घूमता दिखाई दिया। जिस पर ग्रामीणों ने इसे भी पकड़ने की मांग वन विभाग से की थी। ग्रामीणों द्वारा बनाया गया बाघ का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। बाद में वन विभाग ने इसके सही होने की पुष्टि कर दी थी। बाघ के डल्ला गांव के पास सक्रिय होने पर वन विभाग ने इसे भी पकड़ने की अनुमति चीफ वाइल्ड लाइफ से ली। बीते एक सप्ताह से भी अधिक समय से वन विभाग सहित पशु चिकित्सकों की टीम ने यहां डेरा डाला हुआ था। गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ केएन भारती ने बताया कि सोमवार देर रात मुछेल ग्राम पंचायत के गले गांव में बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने में सफलता हासिल हो गई। पकड़ा गया बाघ करीब डेढ़ साल का है। बाघ को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है। टीम में वन विभाग की टीम के साथ ही पशु चिकित्सक डॉ. आयुष उनियाल की टीम का योगदान रहा।

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