बारिश व ओलावृष्टि से बुझी जंगलों की आग
नई टिहरी। ओलावृष्टि व तेज बारिश से तीर्थनगरी के आस-पास कई दिनों से धधक रहे जंगलों की आग बुझने के साथ ही तापमान में गिरावट आ गयी। हालांकि तेज ओलावृष्टि से मौसमी फलों के पराग झड़ने से फल उत्पादकों को काफी नुकसान भी हुआ। मंगलवार देर शाम एकाएक तेज ओलावृष्टि के साथ बारिश होने से यहां अलकनंदा, भागीरथी व गंगा घाटी में कई दिनों से छाया धुआं टंट गया। पिछले दस दिनों से तीर्थ नगरी के आस पास टिहरी व पौडी जिला स्थित पहाड़ियां लगातार धूं-धूं कर जल रही थी। देवप्रयाग के चारों ओर स्थित दशरथाचल, गृद्घांचल, नरसिंहाचल, डांडा नागराजा, सौडू, महड, सबधारखाल, खेड़ा आदि के जंगल लगातार आग की चपेट में बने हुए थे। इससे जहां पूरी घाटी में धुएं का गुबार भर गया था, वहीं तापमान व संक्रामक रोग भी बढ़ गए थे। सेब, अमरूद, नीबू, संतरा आदि फलों के पराग झड़ने से चंद्रवदनी, पौड़ीखाल आदि क्षेत्रों में फल उत्पादकों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा।