संपादकीय

चारधाम पंजीकरण में फर्जीवाड़ा

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उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का खुमार पूरे देश पर चढ़ा हुआ है। राज्य सरकार ने सुलभ और व्यवस्थित यात्रा के लिए ऑनलाइन व्यवस्था को चालू किया है जिसके तहत रजिस्ट्रेशन करने पर ही आसानी से दर्शन किए जा सकेंगे। राज्य सरकार कि यह व्यवस्था ऑनलाइन फर्जीवाड़े करने वालों के लिए भी कमाई का साधन बन गया है। पूर्व में ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जिनमें हेलीकॉप्टर सेवा की बुकिंग से लेकर ऑनलाइन पंजीकरण एवं होटलों की बुकिंग में श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी की गई है। वर्तमान सीजन में भी महाराष्ट्र के एक दल के साथ हुए फर्जीवाड़े ने स्थानीय पुलिस को भी हैरान कर दिया है। ऋषिकेश क्षेत्र में स्थित रजिस्ट्रेशन चैकिंग सेन्टर में चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों/वाहनो की चैकिंग के दौरान महाराष्ट्र से आये यात्रियों के 30 सदस्यीय दल के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चैक करने पर उनके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फर्जी पाये गये, जिनमें तारिखों में कूटरचना कर उन्हें बदला गया था। यात्रियों से जानकारी जुटा गई तो पता चला कि चारधाम की यात्रा के लिये हरिद्वार की एक ट्रैवल्स एजेंसी से दो धामो की यात्रा हेतु सम्पर्क किया था, ट्रैवल्स एजेंसी की ओर से यात्रा हेतु वार्ता की गई तथा रजिस्ट्रेशन करवाया गया था, जिसके एवज में लाखों रुपए का भुगतान किया गया था। ऋषिकेश पहुंचने पर सभी रजिस्ट्रेशन फर्जी पाए गए। अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड पुलिस ने उसे यात्रियों को वापस नहीं लौटाया बल्कि सहयोग करते हुए उन्हें आगे की यात्रा की स्वीकृति भी प्रदान की। चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन का फर्जीवाड़ा एक लंबे समय से ही चलता आ रहा है इससे पूर्व राज्य सरकार ने कई फर्जी हेली सर्विस रजिस्ट्रेशन कंपनियों की साइट प्रतिबंध की थी। हालांकि उसके बावजूद भी यह गोरखधंधा चालू है और महाराष्ट्र के इस प्रकरण ने तो ऑनलाइन पंजीकरण ठगी के इस खेल को शीशे की तरह साफ कर दिया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि उत्तराखंड में कार्य कर रही कुछ ट्रैवल एजेंसी चार धाम यात्रा श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी के गोरखधंधे में लिप्त पाई गई है। श्रद्धालुओं के पास इन फर्जी कंपनियों को जांचने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है लेकिन इस प्रकार के मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार जरूर इस श्रृंखला में कार्य करने वाली ठग ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी को बेनकाब कर सकती है।

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