उत्तराखंड

टेलीग्राम एप के जरिए दो माह में 10 लाख की ठगी

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हल्द्वानी। कुमाऊं में सोशल मीडिया के टेलीग्राम एप के जरिए साइबर ठग 15 से ज्यादा लोगों से 10 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। साइबर ठग अनलाइन फोटो, वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट शेयर और लाइक करने का काम देने के बहाने ठगी कर रहे हैं। साइबर ठग उन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनसे लोगों की जरूरतें जुड़ी हैं। श्टेलीग्राम प्रीपेड टास्क स्पैमश् इसी का उदाहरण है। साइबर एक्सपर्ट सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि टेलीग्राम एक सोशल मीडिया मैसेंजर एप है, जो युवाओं में बहुत चर्चित है। इस एप के जरिए ठग यूट्यूब वीडियो, इंस्टाग्राम रील, फेसबुक स्टोरी प्रमोट करने के बदले पहले कुछ रुपये लोगों के खाते हैं। इसके बाद टास्क बताकर उनसे हजारों-लाखों की रकम जमा कराते हैं। धनराशि जमा होने पर जालसाज फर्जी कंपनी के नाम से बनाए टेलीग्राम ग्रुप को डिलीट कर गायब हो जाते हैं। हल्द्वानी के मुखानी निवासी एक युवती और राजपुरा निवासी एक महिला इस ठगी का शिकार हो चुकी हैं। वहीं नैनीताल में भी एक एक समृद्घ व्यक्ति अपने लाखों रुपये गंवा चुका है। देहरादून में एक व्यक्ति को जालसाजों ने 40 लाख की चपत लगाई।
क्रिप्टो करंसी के रूप में देश के बाहर जाता है ठगी का पैसारू इस तरह के फ्रड के लिए साइबर ठग करंट बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। यह बैंक खाते भी फर्जी नाम और फर्जी कंपनी को दिखाकर खोले जाते हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक टेलीग्राम पर इस तरह के अकाउंट थोक के भाव में बिकते हैं। जिनकी छानबीन करने पर पुलिस को मुख्य अपराधी तक पहुंचने में काफी दिक्कतें होती हैं। इन्हीं खातों के माध्यम से करोड़ों की धनराशि एक झटके में क्रिप्टो करंसी के माध्यम से देश के बाहर भेजी जाती है।
एक साल में 1़18 करोड़ की साइबर ठगीरू जनवरी 2023 से लेकर नवंबर 2023 तक नैनीताल जिले के 1000 से भी ज्यादा लोगों ने साइबर सेल में शिकायतें दर्ज कराई हैं। इन शिकायतों के मुताबिक साइबर ठग इस वर्ष लोगों को एक करोड़ 18 लाख रुपये की चपत लगा चुके हैं। हालांकि पुलिस 44 लाख रुपये से भी ज्यादा की धनराशि लोगों के खाते में वापस करा चुकी है।
कोट
टेलीग्राम पर किसी भी टास्क के झांसे में न आएं। लोगों को फंसाने के लिए क्रिमिनल उनके खातों में पैसे भी डाल रहे हैं। किसी भी तरह साइबर ठगी होती है तो बिना समय गंवाए पुलिस को सूचना दें। या फिर एनसीआरबी और 1930 पर शिकायत दर्ज करें। -नितिन लोहनी, सीओ, साइबर सेल नैनीताल।

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