उत्तराखंड

शासनादेश जारी नहीं होने से आशाओं और भोजनमाताओं में रोष

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अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री के खटीमा आवास पर 20 दिन पूर्व दिए आश्वासन के बाद भी शासनादेश जारी नहीं होने से आशाएं और भोजनमाताएं भड़क गयी हैं। आक्रोशित आशाओं और भोजनमाताओं ने शीघ्र शासनादेश जारी नहीं किया गया तो वे एक बार फिर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगी। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ज्ञापन भेजा। शुक्रवार को ऐक्टू से संबंद्घ आशाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशाएं एक माह तक कार्यबहिष्कार पर रहीं। जिसके बाद आशाओं के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस पर मुख्यमंत्री धामी ने 20 दिनों के भीतर मानदेय समेत अन्य मांगों का निराकरण का आश्वासन दिया। लेकिन समयावधि बीतने के बाद भी अब तक सरकार की ओर से शासनादेश जारी नहीं किया गया है। जिससे आशाएं स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने एक स्वर में कहा जल्द शासनादेश जारी नहीं होने पर उग्र आंदोलन को मजबूर होंगी। यहां ममता तिवारी, पूजा बगड़वाल, तारा चौहान, जानकी कांडपाल, गीता जोशी, बीना पाठक, नीमा देवी, तुलसी देवी, गीता कनवाल, सरस्वती अधिकारी, कमला रावत, हेमा नगरकोटी, अनीता चौहान, भगवती आर्या, जानकी मिश्रा, नीतू कांडपाल, पुष्पा बिष्ट, गीता, किरन, बसंती देवी, अनिता रहीं।

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