भगवान का वाहन गरूड, शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घडा बदरीनाथ को रवाना
चमोली। मोक्षधाम बदरीनाथ के कपाट खुलने की वैदिक प्रक्रिया जोशीमठ के आराध्य नृसिंह मंदिर में मंगलवार को शुरू हो गई है। रावल ने भगवान नृसिंह, मां लक्ष्मी, खोली, कोठ, नवदुर्गा, गरूड आदि की पूजा अर्चना कर भगवान बदरीनाथ की यात्रा शुरू करने की अनुमति लेते हुए सुखद यात्रा की मन्नत मांगी। जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में मंगलवार की सुबह 10 बजे बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुवाई में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी व पुरोहितों ने वैदिक पूजा अर्चना की। जिसके बाद शंकराचार्य के प्रतिनिधियों की मौजदगी में शंकराचार्य के प्राचीन कोठ में रखी गद्दी को सजाया गया व गद्दी को दर्शनार्थ मठांगन में रखा गया। श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर गद्दी की परिक्रमा की व मन्नत मांगी। सेना के बैंडों की मधुर स्वरलहरियों के बीच भगवान के वाहन गरूड, भगवान का श्रंगाार के गहने, शंकराचार्य की अराध्य गद्दी को भक्तों ने भगवान बदरीविशाल के जयकारों के साथ