केदारनाथ में ठहरने को पर्याप्त जगह नहीं
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में लगातार मौसम खराब होने की वजह से ठहरने की बेहतर व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है। हालांकि प्रशासन लगातार इंतजाम करने में जुटा है किंतु लगातार हो रही बर्फबारी से तैयारियों में मुश्किलें हो रही है। पहले दिन ही कई लोगों को ठहरने की पर्याप्त जगह नहीं मिल सकी। केदारनाथ में पहले दिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्री एवं स्थानीय लोग पहुंच गए। बर्फबारी के बीच लोगों को सबसे बड़ी परेशानी रात्रि ठहरने की हुई। हालांकि प्रशासन का कहना है कि वर्तमान में केदारनाथ धाम में 5 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था है। जबकि यहां इससे भी ज्यादा तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। आने वाले दिनों में यदि मौसम इसी तरह रहा तो और भी मुश्किलें हो सकती है।
केदारनाथ के रक्षक भगवान भैरवनाथ के कपाट खुले
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ खोल दिए गए। कपाट खुलने के दिन सांय से ही केदारनाथ मंदिर में नित्य पूजाएं एवं सांयकालीन आरती की भी शुरुआत हो गई है। मंगलवार को केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव लिंग, वेदपाठी, आचार्य एवं मंदिर समिति के कर्मचारियों की मौजूदगी में भैरवनाथ के कपाट सुबह 11 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। मंदिर में करीब दो घंटे चली भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ भगवान का अभिषेक भी किया गया। इसके बाद जौ-तिल व घी से हवन किया गया। भगवान को प्रसाद के रूप में पूरी, रोट व पकोडे़ बनाकर उसका भोग लगाया गया। इस मौके पर केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव लिंग, भैरवनाथ के पुजारी अरविंद शुक्ला, मृत्युजय हीरेमठ, संजय तिवारी, नवीन शुक्ला, पंकज शुक्ला, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, धर्माधिकारी ओपी शुक्ला, राजेन्द्र तिवारी, विनोद शुक्ला सहित बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहित, तीर्थयात्री एवं स्थानीय भक्त मौजूद थे।