उत्तराखंड

ग्रेड-पे पर सप्ताह भर में स्थिति स्पष्ट करे सरकार

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देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के सिपाहियों के ग्रेड-पे के मुद्दे को लेकर पुलिस कर्मचारियों के परिजन फिर खुलकर मैदान में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सात दिन में सरकार इस पर स्थिति साफ करे। नहीं तो उग्र आंदोलन करने के साथ ही हाईकोर्ट की शरण ली जाएगी। सिपाहियों में सेवा के आधार पर 4600 ग्रेड पे दिन जाने की लंबे समय से मांग उठ रही है। इसे लेकर वह खुद तो खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में सिपाहियों के परिवार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव से यह मामला तेजी से गर्माया था। तब मुख्यमंत्री ने ग्रेड पे देने की घोषणा तो कर दी। शासनादेश अब तक नहीं हुआ। कांवड़ मेला समाप्त होते ही यह मुद्दा फिर से जोर पकड़ने लगा है। पुलिस परिवारों ने पहले रविवार को गांधी पार्क में इकट्ठा होने की राणनीति बनाई थी। इसे लेकर सोशल साइटों पर मैसेज चले। बाद में इसे बदल दिया गया। रविवार को कई पुलिस परिजन प्रेस क्लब परिसर स्थित रेस्टोरेंट पहुंचे। वहां उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार इसे लेकर शासनादेश कर रही है या नहीं इस पर एक सप्ताह के भीतर स्थिति साफ कर दी जाए। ऐसा नहीं होने पर सभी 13 जिलों से बच्चों से समेत पुलिस परिवार दून में इकट्ठा होकर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। प्रेस वार्ता में आशा भंडारी, शकुंतला रावत, उर्मिला चंद, पूजा फरासी, अरुणा शामिल रहे।
विभाग ने पुलिसकर्मी को किया निलंबित
देहरादून। पुलिस सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे देने की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी देने वाली महिला आशा भंडारी के पति को पुलिस विभाग की ओर से निलंबित कर दिया गया है। वह यमुनोत्री में तैनात हैं। इस बात की पुष्टि खुद आशा भंडारी ने की है। इसके विरोध में उन्होंने बच्चों सहित पुलिस मुख्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने की बात भी कही है। बता दें कि बीते रविवार को आशा भंडारी सहित कई महिलाओं ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता आयोजित कर अगले रविवार से पूरे प्रदेश स्तर पर आंदोलन टेड़ने की चेतावनी दी थी। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव से पहले 2001 बैच के पुलिस कर्मचारियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी, जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।

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