आरक्षित वर्गों को आरक्षण दें सरकार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड राज्य शैक्षिक राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 में आरक्षित वर्गों को आरक्षण दिए जाने की मांग की है।
इस संबध में एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की ओर से उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री, राज्यपाल और शिक्षा मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश शासन के माध्यमिक शिक्षा अनुभाग द्वारा माध्यमिक विद्यालयों में अनुभव प्राप्त प्रधानाध्यापक, प्रवक्ता, सहायक अध्यापक व एलटी पदों पर कार्यरत शिक्षकों से प्रधानाचार्य के पचास फीसदी पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाने के लिए नियमावली जारी की गई है। नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से आयोजित होने वाली इस परीक्षा में एससी, एसटी व ओबीसी सहित अन्य विशेष श्रेणी के अभ्यर्थियों को आरक्षण नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन इसको सामाजिक न्याय के विरूद्ध मानती है। वर्तमान में प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य पदों पर एससीएसटी वर्गों का प्रतिनिधित्व 1.2 फीसदी तक सिमट कर रह गया है। ऐसे में इन पदों पर इन वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि यूपी के समय में माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों को सीधी भर्ती का पद मानते हुए इसमें आरक्षण देय था। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य पदों पर सीधी व विभागीय पदों पर आरक्षण देय है। ऐसे में उत्तराखंड में भी यह नियम लागू किया जाना चाहिए। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में महामंत्री जगदीश राठी, कोषाध्यक्ष योगेंद्र समशेर जंग, भारत भूषण शाह, सोहन लाल और अनूप पाठक आदि थे।