देहरादून। उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने रोडवेज को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। परिषद ने इसके लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा कि रोडवेज को पुनर्जीवित करने की जरूरत है, यदि जल्द सख्त नहीं उठाया जाता है तो रोडवेज को बचाना मुश्किल हो जाएगा। परिषद के नेताओं ने रोडवेज की माली हालत पर गंभीर चिंता जताई है। कहा कि रोडवेज का बस बेड़ा लगातार कम हो रहा है और आर्थिक संकट बढ़ रहा है, जिससे रोडवेज के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। वहीं, राज्य सरकार को पड़ोसी राज्य से कुछ सीख लेने की जरूरत है। हिमाचल ने नाबार्ड से 250 करोड़ रुपये की सहायता लेकर 297 इलेक्ट्रिक और 24 वॉल्वो बसें खरीदी हैं, उत्तराखंड में इसी तरह के कदम उठाने की जरूरत है। परिषद ने प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने यह भी बताया कि उत्तराखंड रोडवेज ने हाल ही में 100 बीएस-6 बसों की खरीद के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी, लेकिन अंतिम तिथि तक किसी भी बस निर्माता कंपनी ने निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। यह स्थिति केवल टेंडर शर्तों की जटिलता का परिणाम नहीं है, बल्कि निगम की वर्तमान वित्तीय स्थिति और भुगतान क्षमता को लेकर निर्माताओं में व्याप्त शंका का प्रतिबिंब है। इससे यह स्पष्ट होता है कि निगम की आर्थिक साख में विश्वास बहाली की आवश्यकता है।