उत्तराखंड

भूलेख डाटा एंट्री आपरेटरों का धरना रहा जारी

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नई टिहरी। भूलेख डाटा एंट्री व कम्प्यूटर आपरेटरों ने शासनादेशों के अनुसार सुविधायें न दिये जाने से खफा होकर डीएम कार्यालय के समक्ष धरना छठे दिन भी जारी रखा। इस बाबत डीएम इवा श्रीवास्तव को ज्ञापन भी सौंपा। मांगें पूरी न होने पर अनिश्चतकालीन हड़ताल की भी चेतावनी दी। डीएम कार्यालय के समक्ष 6 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे आपरेटरों ने कहा कि जिले की सभी 13 तहसीलों कई सालों के वह काम कर रहे हैं। लगातार तीन वर्षों में मार्च के काटे गये मानदेय को नहीं दिया जा रहा है। 11 माह की सेवा लेकर उन्हें ब्रेक किया जाता है। जबकि 11 माह काम लेने वाला शासनोदश भूलेख में काम करने वाले आपरेटरों पर प्रभावी नहीं होता है। इसलिए मार्च के महीने में उन्हें ब्रेक न दिया जाय। आपरेटरों को आउसटसोर्स कंपनी से रखा गया है। कंपनी मानदेय को काट-छांटकर मामूली रकम आपरेटरों को दे रही है। जिससे उनको अपनी आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है। जबकि शासनादेशानुसार आपरेटरों को या तो उपनल से या फिर संविदा पर रखा जाना चाहिए। त्रैमासिक भत्ता भी 2016 से दिया जाना चाहिए था, जो नहीं दिया जा रहा है। मार्च, 2021 से मानदेय न दिये जाने से आपरेटरों को आर्थिक परेशानी से साथ ही मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है। आपरेटरों का कहना है कि उन्हें शासनादेशों के अनुसार सुविधा व मानदेय दिया जाय। आपरेटरों का कार्य निर्धारण किया जाय। मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। धरने पर बैठने वालों में नितीश विनय सिंह नेगी, जय सिंह विष्ट, आशीष नौटियाल, नरेंद्र पुंडीर, रिकेश्वर भट्ट, प्रमोद उनियाल, विजयपाल सिंह, शुभम, महेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, योगेंद्र नाथ, सुनील दिखोल शामिल रहे।

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