उत्तराखंड

श्रद्घा एवं धूमधाम से मनाया गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में गुरता गद्दी दिवस

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रुद्रपुर। चवर-छतर तख्त के मालिक धन-धन श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का गुरता गद्दी दिवस गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में बड़ी श्रद्घा एवं धूमधाम से मनाया गया। इस दिवस के अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक दीवान का आयोजन किया गया। जत्थों में भाई गुरनाम सिंह परवाना व भाई महल सिंह ने गुरता गद्दी दिवस पर प्रकाश डाला। उन्होंने इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि जागत ज्योति गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी 1708 ई़को श्री गुरु गोविंद सिंह ने हजूर साहब में गुरुग्रंथ साहिब को गुरता गद्दी देकर सिखों का गुरु बनाया था। गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में धार्मिक जत्थों ने गुरता गद्दी के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सिख धर्म हमेशा मानवता को बढ़ावा देता है। सभी धर्मों का सम्मान भी किया जाता है। गुरुसाहिबानों ने मानव मूल्यों का महत्व बताया है। गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी प्रबंधक रणजीत सिंह ने कि आज के ही दिन 10वें गुरु गुरुगोविंद सिंह ने श्री गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष पांच पैसे तथा एक नारियल रखकर माथा टेककर सिखों का हुक्म दिया था कि आज के बाद श्री गुरुग्रंथ साहिब के अलावा के अलावा कोई गुरु नहीं होगा। कोई देहधारी को गुरु नहीं माना जाएगा।

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