मानव व प्रकृति को आपस मे जोड़ता है हरेला पर्व
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनाया गया हरेला पर्व
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में हरेला पर्व का शुभारंभ किया गया। इस दौरान शिक्षकों व छात्रों ने पौधारण के साथ उनके संरक्षण का भी संकल्प लिया गया। शिक्षकों ने कहा कि हरेला मानव व प्रकृति को आपस में जोड़ने वाला पर्व है। यह पर्व हमे ंपृथ्वी पर पर्यावरण के महत्व को समझाता है।
महाविद्यालय कोटद्वार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पवार ने पौध रोपण कर किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण कि बिना हम पृथ्वी पर भविष्य की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़कर कार्य करें। महाविद्यालय में लगाए गए पौधों के संरक्षण के लिए ट्री गार्ड भी लगाए गए। शिक्षकों ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में हरेला पर्व वर्षों से मनाया जाता रहा है। जो कि मानव एवं प्रकृति को आपस में जोड़ता है । राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ किशोर सिंह चौहान ने कहा कि प्रतिवर्ष जुलाई अगस्त माह में संपूर्ण भारतवर्ष में वृहद मात्रा में पौधारोपण कार्यक्रम चलाया जाता है, लेकिन, संरक्षण के अभाव में रोपित पौधे मर जाते हैं। इसलिए रोपण के साथ ही साथ पौधों में संरक्षण के लिए ट्री गार्ड लगाए जाने आवश्यक हैं। डॉक्टर किशोर सिंह चौहान ने कहा कि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्रों का एनएफएस समूह निरंतर पिछले 12 वर्षों से रोपित पौधों का संरक्षण भी कर रहा है। इस मौके पर अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ वंदना चौहान, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ सरिता चौहान, डॉ प्रवीण जोशी, डॉक्टर मानसी, डॉ चंद्रप्रभा कंडवाल, डॉ सीमा कुमारी, डा प्रजापति आदि मौजूद रहे।