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हाईकोर्ट के आदेश पर निगम ने गोखेल मार्ग से हटाया अतिक्रमण

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। हाईकोर्ट नैनीताल के निर्देश पर नगर निगम प्रशासन से शनिवार को गोखेल मार्ग से अवैध अतिक्रमण को हटाया। गोखले मार्ग में अक्रिमण पर अचानक हुई कार्यवाही से व्यापारियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान व्यापारियों ने निगम की इस कार्यवाही का विरोध नहीं किया, लेकिन निगम के अधिकारियों हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर अतिक्रमण को हटाया। वहीं नगर निगम की टीम को देखकर गोखले मार्ग से फल, सब्जी के फड़ और ठेले वाले अपने सामन को लेकर भागते हुए नजर आये।
शनिवार को सुबह करीब 11 बजे नगर आयुक्त पीएल शाह के नेतृत्व में नगर निगम, राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम मालवीय उद्यान से अतिक्रमण का जायजा लेते हुए बदरीनाथ मार्ग, झण्डाचौक, नजीबाबाद रोड से होते हुए गोखले मार्ग पर पहुंची। गोखेल मार्ग पर जेसीबी ने नाले पर किये गये तीन अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किया। व्यापारियों ने इसका विरोध किया तो नगर निगम ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर कार्यवाही को जारी रखा। वहीं बदरीनाथ मार्ग, झण्डाचौक, नजीबाबाद रोड पर लोगों स्वयं मजदूरों से अतिक्रमण को हटवा रहा है। अभियान के दौरान टीम को कई व्यापारियों से उलझना भी पड़ा, लेकिन टीम के सख्त तेवर के आगे व्यापारियों की एक न चली। नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है। शनिवार को भी अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि लोग अतिक्रमण को स्वयं तोड़ रहे है, इसलिए मशीन लगाने की जरूरत नहीं पड़ी। लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए समय दिया गया है। जिसका अधिकांश लोग पालन कर रहे है। अगर कोई अतिक्रमण नहीं हटायेगा तो मशीनों से अतिक्रमण हटाया जायेगा। नगर आयुक्त ने बताया कि दूसरी रिट में गोखेल मार्ग पर तीन अतिक्रमण बताये गये है। माननीय हाईकोर्ट ने आदेशित किया है कि गोखले मार्ग पर जो तीन चिन्हित अतिक्रमण है उसमें क्या कार्यवाही की गई है। न्यायालय के आदेश पर गोखले मार्ग से चिन्हित तीनों अतिक्रमणों को हटाया गया है। इसकी रिर्पोट सोमवार या मंगलवार को न्यायालय में पेश की जाएगी। नगर आयुक्त ने बताया कि निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा। इस मौके पर सहायक नगर आयुक्त अंकिता जोशी, अवर अभियन्ता भगवती प्रसाद कबटियाल, अखिलेश खण्डूडी, वर्क एजेंट असलम, राष्ट्रीय राजमार्ग के अवर अभियन्ता अरविन्द जोशी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

निगम की टीम को देखकर भागे फड़, ठेली व्यापारी
कोटद्वार। माननीय हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार को भी निगम की ओर से अभियान चलाया गया। शनिवार को जब निगम की टीम गोखले मार्ग पर अतिक्रमण हटाने गई तो टीम को देखकर फड़, ठेली व्यापारी अपने सामान को लेकर इधर-उधर भागते नजर आये। हालांकि निगम की टीम ने चिन्हित अतिक्रमण हटाने के अलावा सड़क पर फड़, ठेली लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की। फिर भी फड़, ठेली वालों ने गोखले मार्ग कुछ ही मिनटों में खाली कर दिया। टीम जब गोखले मार्ग पर पहुंची तो रेहड़ी व फड व्यापारियों में अफरा-तफरी मच गई। व्यापारी अपना सामान लेकर इधर-उधर भागने लगे। बता दें कि गोखले मार्ग पर पिछले कई सालों से फड़, ठेली व्यापारी अतिक्रमण किये है। पूर्व में नगर निगम की ओर से गोखले मार्ग पर 72 अतिक्रमण चिन्हित किये थे, लेकिन आज तक निगम चिन्हित अतिक्रमण को हटा नहीं पाया है। जिस कारण अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलन्द है। इस मार्ग पर अतिक्रमण के कारण लोगों का पैदल चलना भी

मुश्किल हो जाता है।

शहर में जगह-जगह लगा रहा जाम, राहगीर परेशान
कोटद्वार। माननीय हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के दौरान शहर में यातायात डायवर्ट किया जा रहा है। इस दौरान झण्डाचौक, बदरीनाथ मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद की जा रही है। जिस कारण शहर में जगह-जगह जाम की स्थिति बन रही है। शनिवार को पटेल मार्ग, स्टेशन रोड़, नजीबाबाद रोड़, मालगोदोम रोड़, सिताबपुर रोड़ पर जाम लगा रहा। जाम के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

नगर निगम की बिल्डिंग पर क्या बोले नगर आयुक्त
कोटद्वार। नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि नगर निगम की ओर से चिन्हित कर लाल निशान लगाये है। शिकायत मिल रही है कि कुछ लोग निशान को मिटा रहे है, जो कि गलत है। अगर कोई व्यक्ति निशान हटाता है तो यह जुर्म है। उन्होंने बताया कि ऐसे स्थानों पर दोबारा से निशान लगाये जायेगें और अतिक्रमण हटायेगें। अगर आवश्यकता पड़ी तो निशान हटाने वालों को चिन्हित कर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम की बिल्डिंग, थाना, तहसील राष्ट्रीय राजमार्ग या अन्य राजमार्ग मार्ग की चौड़ाई को कम नहीं करते है तो वह अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आते है। यदि वह राष्ट्रीय राजमार्ग की चौड़ाई के अनुसार नहीं बने होते है तो वह अतिक्रमण है और उसको हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी जमीन पर यदि सरकारी बिल्डिंग बनी है तो वह अतिक्रमण नहीं है। सरकारी बिल्डिंग सरकारी जमीन पर ही बनना है और वह अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं आता है।

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