गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया दंड प्रक्रिया शिनाख्त विधेयक, बोले- दोषसिद्घि दर में सुधार जरूरी
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022 को राज्यसभा में पेश किया। अमित शाह ने उच्च सदन में विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक अपराध की जांच को अधिक दक्ष बनाने और दोषसिद्घि दर में सुधार करने के मकसद से लाया गया है। यह महत्वपूर्ण विधेयक है जिसका मकसद 100 साल पुराने कानून में मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार बदलाव करते हुए दोषसिद्घि के लिए साक्ष्घ्यों को पुख्ता करना है।
गृह मंत्री ने कहा कि कानून के अनुसार जीने वाले समाज में अपराध पर नियंत्रण के साथ ही अपराधियों की दोषसिद्घि भी जरूरी है। अपराधियों की दोषसिद्घि के बिना कानून के प्रति आम लोगों के विश्वास को मजबूत नहीं किया जा सकता है। इस विधेयक का मकसद अभियोजन एजेंसियों को वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराने के साथ ही पुलिस और फोरेंसिक टीम की क्षमता को मजबूती प्रदान करना है। इस विधेयक से नागरिकों की गोपनीयता को कोई खतरा नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सख्ती के मामले में हमारा कानून दुनिया के बाकी मुल्घ्कों की तुलना में बच्चा (यानी कुछ नहीं) है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में बेहद सख्घ्त कानून हैं। यही वजह है कि इन देशों में अपराधियों को सजा दिलाने की दर भी बेहतर है। हमने इस बारे में राज्घ्यों से चर्चा की और सभी सुझावों को समाहित करते हुए इसे साकार किया है। दुनिया के दूसरे मुल्घ्कों के प्रविधानों का अध्घ्ययन करने के बाद यह विधेयक लाया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री (न्दपवद भ्वउम डपदपेजमत ।उपजैींी) ने आगे कहा कि अपराध की तहकीकात में आधुनिक तकनीक का इस्घ्तेमाल हो़.़ इस तरह के विभिन्न पहलुओं को समावेशित करके यह विधेयक तैयार किया गया है। मालूम हो कि इस विधेयक में आरोपियों का विभिन्न प्रकार का ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने की बात कही गई है। इनमें फघ्ंिगर प्रिंट, आंखों की पुतली और लिखावट आदि के नमूने लिया जाना शामिल हैं।