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पत्थर से कुचलकर पत्नी के हत्यारे को पति को आजीवन कारावास की सजा, 10 हजार जुर्माना भी लगा

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नैनीताल । द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की अदालत ने पत्थर से कुचलकर पत्नी की हत्या के मामले में 302 के तहत दोषी करार पति महेंद्र सिंह को सश्रम आजीवन कारावास व दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियुक्त हत्या के बाद से ही जेल में बंद है। अभियोजन के अनुसार 23 मई 2019 को मृतका के भाई महेंद्र पुत्र स्व शेर सिंह बिष्ट, निवासी ग्राम सिरोड़ी ने कोतवाली भवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर महिला किरन की हत्या में पति महेन्द्र सिंह बिरोडिया, निवासी पूनाकोट, पट्टी पेटशाल, जिला अल्मोड़ा के विरुद्घ मामला पंजीत किया था।
रिपोर्टकर्ता के अनुसार 21 मई 2019 को वह व उसका चचेरा भाई नितेश बिष्ट भवाली चौराहे पर खड़े थे। उसी समय देवी मंदिर रोड से चौराहे की ओर प्रार्थी की बहन किरन देवी व उसका पति महेन्द्र सिंह बिरोडिया, दोनों रानीखेत रोड की ओर पैदल जा रहे थे। अगले दिन सूचना मिली कि किरन का शव हैजरी के पास भवाली गांव जाने वाले पैदल मार्ग पर पड़ा है।
किरन की पहली शादी 19 नवंबर 2008 को करन सिंह मर्तोलिया निवासी ग्राम विमिला बगड़, थाना कपकोट, जिला बागेश्वर के साथ हुई थी, लेकिन पारिवारिक कलह के कारण अपने पति करन को तलाक दे दिया।
इसके बाद वह अल्मोड़ा में रहने लगी। इसी दौरान उसकी मुलाकात महेन्द्र सिंह बिरौड़िया से हुई। फिर दोनों ने चितई मंदिर में दूसरी शादी की। शादी के बाद भवाली में सुनीता निवासी ग्राम दुगई स्टेट भवाली के मकान में किराये पर रहने लगे।
रिपोर्टकर्ता ने अनुसार जब उसकी बहन मायके आती थी तो उसे व मां को बताती थी कि पति महेन्द्र अक्सर मारता पीटता व गालीगलौज करता है। अवैध संबंध का शक करता है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने आधा दर्जन गवाहों को परीक्षित कराया गया।
अभियुक्त को दोष सिद्घ करने में डीएनए रिपोर्ट का अहम साक्ष्य रहा। न्यायालय ने निर्णय में अभियोजन साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट के आधार पर स्पष्ट तौर पर कहा है कि अभियुक्त और मृतका पति पत्नी के रूप में थे। अभियुक्त की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पत्थर को बरामद किया गया। मौके पर जो रक्त पाया गया, वही रक्त अभियुक्त के कपड़ों में पाया गया।
डीएनए रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है। अंतिम अवसर के सिद्घांत के साथ-साथ अभियुक्त के निशानदेही पर बरामद घटना में प्रयुक्त पत्थर अभियुक्त को कपड़े से प्राप्त खून के धब्बे से मृतका के डीएनए का मिलान परिस्थितिजन्य साक्ष्य को पूर्ण बनाता है।

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