उत्तराखंड

खटीमा में आशा कार्यकत्रियां अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार पर

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रुद्रपुर। 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया है। सोमवार को आशा कार्यकत्रियों ने नागरिक चिकत्सालय के मुख्य द्वार पर प्रर्दशन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के खटीमा आगमन पर उन्हें अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा लंबे समय से आशाओं का शोषण हो रहा हैं। आशाओं की प्रमुख मांगों में उन्हें सरकारी सेवक का दर्जा और न्यूनमत 21 हजार रुपये वेतन,सेवानिवृत्त होने पर पेंशन,10 हजार रुपये मासिक पेंशन कोरोना भत्ता, कोविड काल में कार्यरत आशाओं को 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू करना, कोरोना के दौरान मृत आशाओं के आश्रितों को चार लाख का अनुग्रह अनुदान भुगतान करना,बीमारी होने पर आशाओं को सुरक्षा प्रदान करना और 10 लाख का मुआवजा ,विविध भुगतानों में होने वाली कमीशन खोरी पर लगाम लगाना,सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति करना,आशाओं के साथ अस्पतालों में सम्मान जनक व्यवहार करने की मांग की। धरने में बैठने वालों में बिमला बिष्ट, हीरा बिष्ट, गीता देवी, निर्मला बोहरा, सोनी सिंह राणा, मोनू बड़बियाल, चुन्नी राणा, मीना मेहता, सुनीता, ममता सामंत, लता देवी, प्रीती, श्रद्धा, कांती देवी, दीपा अधिकारी, माया चंद, निर्मला पंडेय, रेनू भट्ट, चंपा शर्मा, संजीता देवी, कमला मेलकानी, मीरा विश्वास, इंद्रा मेहा आदि थे।

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