कैसे होगा डिजिटल इंडिया का सपना साकार जब ब्रॉडबैंड सेवा हो ठप
-रिखणीखाल ब्लॉक मुख्यालय में छह दिन से ब्रॉडबैंड सेवा है ठप
-मीलों दूर से आ रहे लोग मायूस होकर लौटने को मजबूर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : प्रखंड रिखणीखाल के ब्लॉक मुख्यालय में पिछले छह दिनों से ब्रॉडबैंड सेवा ठप होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग मीलों दूर से यहां अपने विभिन्न कार्यों को लेकर आते हैं, लेकिन ब्रॉडबैंड ठप होने के कारण उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है। सरकार एक तरफ डिजिटल इंडिया का नारा दे रही है और दूसरी तरफ कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सेवा के ठीक से कार्य न करने से काम अटके हुए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि तहसील दिवस पर भी यह मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन आज तक इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा जिला मुख्यालय पौड़ी में भी कोई फोन उठाने को तैयार नहीं होता है। ऐसे में ग्रामीण अपनी शिकायत दर्ज कराएं तो कहां कराएं। खंड विकास अधिकारी कलावती बिष्ट का कहना है कि दूरदराज से आने वाले लोगों को खासा परेशानी हो रही है। कभी-कभी तो मोबाइल इंटरनेट से काम चला लिया जाता है, लेकिन यह प्रयोग भी हर बार सफल नहीं होता है। ग्राम तैड़िया जो प्रखंड रिखणीखाल का अंतिम गांव है, करीब पचास किलोमीटर दूर से परिवार रजिस्टर की नकल निकालने पहुंचे सौरभ ने आवेदन सहित आधार कार्ड जमा किया, लेकिन तीन घंटे इंतज़ार के बावजूद भी बैरंग लौटना पड़ा। यही हाल सुदूरवर्ती क्षेत्रों डबराड, तोल्यूंडांडा, सिलगांव, चिलाऊं, टकोलीखाल, देवार, ब्याट, बनगढ़, परण्डी, खनेता बुलेखा, डाबरू आदि सीमावर्ती गांवों के लोगों का है। यह लोग दिन के समय कार्यालय में अपने कार्यों को पूरा कराने पहुंचते हैं, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी जब काम नहीं होते तो अंधेरे में घर लौटने को मजबूर होते हैं। रात के अंधेरे में ग्रामीणों को जंगली जानवरों के हमले का भी खतरा सताता रहता है।
यही नहीं ब्राडबैंड सेवा के अलावा इन सीमावर्ती क्षेत्रों में न तो आज तक विकास कार्य ही पहुंच पाए हैं और न ही यहां नेटवर्किंग सेवा ही मजबूत है। जिसके चलते खंड विकास अधिकारी, तहसील कार्यालय, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, थाना रिखणीखाल, पोस्ट ऑफिस आदि में इंटरनेट से संबंधित कोई भी कार्य नहीं हो पाते हैं। कई बार तो यहां फोन तक नहीं लगते हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने ई डिस्ट्रिक्ट पौड़ी व मुख्य विकास अधिकारी पीके आर्य से दूरभाष पर इस गंभीर मुद्दे को लेकर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने राज्य व केंद्र स्तर इस मामले को उठाने की गुहार लगाई है। मुख्य विकास अधिकारी पीके आर्य का कहना है कि निजी कम्पनी प्रबन्धन से बात हो रही है, इस माह अंत तक जरूर समाधान की कोशिश जारी है।