पंजाब में डेंगू का कहररू मरीजों की संख्या 10 हजार के पार, 22 जिलों से लिए गए 28 हजार नमूनों में हुआ खुलासा
चंडीगढ़ , एजेंसी। पंजाब में डेंगू को लेकर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। अब सूबे में डेंगू संक्रमितों का आंकड़ा 10 हजार के पार हो गया है। 22 जिलों में लगभग 28,000 नमूनों की जांच में ये परिणाम आए हैं। सरकार ने बढ़ते संक्रमण के बाद सिविल सर्जनों क्राइसिस मैनेजमेंट मोड में रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि लापरवाही करने पर वह तबादले के लिए तैयार रहें।
डेंगू को लेकर सूबे में लोग लगातार लापरवाही बरते हैं। हाल ही में 12़80 लाख घरों के किए गए निरीक्षण में 21,683 घरों में लारवा मिलने की पुष्टि हुई है। मजबूरी में घरों में लोगों की लापरवाही को देखते हुए पंजाब सरकार ने ड्राई-डे में परिवर्तन करते हुए शुक्रवार के बजाय रविवार कर दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे प्रयासों का असर अब दिखने लगा हैं। पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते कुछ जिलों में डेंगू के मामलों की संख्या में कुछ कमी पाई गई है।
अब सरकार ने जिलों में तैनात सभी सिविल सर्जनों की जिम्मेदारी तय कर दी है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि वह क्राइसिस मैनेजमेंट मोड में सक्रियता के साथ काम करें, नहीं तो तबादले के लिए तैयार रहें।
डेंगू के 80 फीसदी मामले शहरों में सामने आए हैं। शहरों में बढ़ रहे डेंगू के मामलों को रोकने के लिए स्टेट टास्क फोर्स की जिम्मेदारी तय की गई है। फोर्स को डेंगू रोकथाम के उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही शहरी क्षेत्रों में जलभराव वाले स्थानों पर कीटनाशक छिड़काव करने को भी कहा।
साल 2020 में डेंगू के 8345 केस आए थे और 22 मौतें हुई थीं। मौजूदा वर्ष के दौरान लोगों में संक्रमण की दर तो ज्यादा मिली है, लेकिन अच्छी बात यह है कि अभी तक डेंगू से किसी की मौत नहीं होने की पुष्टि हुई है। पिछले दो वर्षों से राज्य में कोई भी चिकनगुनिया का केस भी सामने नहीं आया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह (महासचिव)दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि हिंदुत्व न तो लेफ्ट है और न राइट। दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि हिंदुत्व का सारांश यह है कि सभी कोने से सबसे अच्छी चीजों को लेकर अपने मुताबिगक उसे ढाल लेना। उन्होंने कहा, श्मैं आरएसएस से हूं, हमने कभी भी संघ के प्रशिक्षण शिविरों में यह नहीं कहा कि हम राइट विंग से हैं और हमारी कई योजनाएं लेफ्ट की योजनाओं की तरह हैं। शुक्रवार को आरएसएस नेता ने कहा कि दोनों तरफ के विचारों के लिए जगह हैं़.़लेफ्ट और राइट यह मानवीय तजूरबा है।
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि, श्भारतीय परंपरा में पूर्ण विराम नहीं है। इसे लेफ्ट या राइट कहना आज की भूगोलीय राजनीति के हिसाब से ठीक है। वेस्ट और ईस्ट ही पूरा नहीं है। हमने यह कभी नहीं कहा है कि हम राईटिस्ट हैं। हमारे कई विचार लेफ्ट के विचार की तरह हैं। ईस्ट और वेस्ट का भौगोलिक या राजनीतिक बंटवारा अब धुंधला और मंद पड़ गया है तथा उदारीकरण के बाद निजीकरण और ग्लोबलाइजेशन में घुल गया है।