Uncategorized

अऩुशासन का दंभ भरने वाली भाजपा में खुले आम अऩुशासनहीनता

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

देहरादून। अऩुशासन का दंभ भरने वाली भाजपा इन दिनों खुले आम अऩुशासनहीनता के दौर से गुजर रही है। विधायकों के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता खुलकर सामने हैं तो एक मंत्री और बोर्ड अध्यक्ष के बीच विवाद सड़क पर दिख रहा है। और अनुशासन का दंभ चूर-चूर हो रहा है। पार्टी विथ डिफरेंस की बात करने वाली भाजपा खुद को सबसे अनुशासित पार्टी होने का दंभ भरती है। लेकिन उत्तराखंड में भाजपा का यह दंभ चूर-चूर होता दिख रहा है। कहीं विधायक के खिलाफ कार्यकर्ता बगावत कर रहे हैं तो कहीं विधायक कार्यकर्ताओं को औकात दिखाने की बात कर रहे हैं। काबीना मंत्री हरक सिंह रावत का अपने ही विभाग के एक बोर्ड अध्यक्ष से विवाद तो कई बार पुलिस तक भी पहुंच गया है।
पहले बात एक विधायकी सदस्यता खत्म कराने की कोशिश की। काशीपुर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव अग्रवाल ने भाजपा के मौजूदा विधायक हरभजन सिंह चीमा का सदस्यता खत्म कराने को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके है। यह अलग बात है कि याचिका में एक पक्षकार और भाजपा नेता जेएस नरूला कहते हैं कि चीमा इस समय भी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं। उन्हें एक समझौते के तहत भाजपा का टिकट दिया गया था।
रायुपर से विधायक उमेश शर्मा काऊ सरेआम अपनी ही पार्टी के जिला पंचायत सदस्च से एक कार्यक्रम में सरेआम उसकी औकात पूछते हैं और काबीना मंत्री धन सिंह रावत अपने साथ इस कार्यकर्ता की कोई मदद नहीं कर पाते हैं। भाजपा संगठन इस मामले की जांच की बात कर रहा है।
धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली पर तमाम आरोप लगाते हुए मंडल अध्यक्ष समेत कई लोग पार्टी के इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं। इस्तीफे के सवाल पर चमोली मीडिया से सिर्फ इतना ही कहते हैं कि उन्होंने किसी से अभद्रता नहीं की है।
सबसे दिलचस्प मामला काबीना मंत्री हरक सिंह रावत और कर्मकार बोर्ड अध्यक्ष सत्याल का है। दोनों एक-दूसरे पर सरेआम आरोप लगा रहे हैं। बोर्ड का विवाद कई बार पुलिस तक जा चुका है। लेकिन न तो संगठन और न ही सरकार इस विवाद को खत्म करने की पहल करती दिख रही है। आहत हरक ने तो यहां तक कह दिया कि अगर सत्याल ज्यादा काबिल हैं तो उन्हें ही मंत्री बना देना चाहिए।
एक तरफ भाजपा हाईकमान मिशन 2022 के लिए तमाम तैयारियां कर रहा है तो दूसरी ओर उत्तराखंड भाजपा संगठन में अनुशासन की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या इस तरह की अनुशासनहीनता के बीच ही सीएम पुष्कर सिंह धामी चुनाव में जाएंगे और भाजपा को फिर से सत्ता में लाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!