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पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में नलिनी समेत छह आरोपी होंगे रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

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नई दिल्ली, एजेंसी। राजीव गांधी की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही नलिनी और आरपी रविचंद्रन सहित छह आरोपियों को रिहा करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार ने पहले राज्यपाल को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी। मई में एक और दोषी पेरारीवलन को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही रिहा करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश में एस़ नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन को रिहा कर दिया है। जेल में उनका आचरण अच्छा पाया गया और उन सभी ने जेल में रहने के दौरान विभिन्न डिग्रियां भी हासिल की थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने 9 सितंबर, 2018 को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी और यह राय राज्यपाल के लिए बाध्यकारी होगी, जिनके समक्ष दोषियों ने माफी याचिका दायर की थी।
संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2022 को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिन्होंने 30 साल से अधिक जेल की सजा काट ली थी।
बता दें कि राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान धनु के रूप में एक चुनावी रैली में हुई थी। इस मामले में कुल 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 12 लोगों की मौत हो चुकी थी और तीन फरार हो गए थे। बाकी 26 पकड़े गए थे। इसमें श्रीलंकाई और भारतीय नागरिक थे।

हम तो सोनिया गांधी से भी सहमत नहीं, राजीव के हत्यारों की रिहाई पर भड़की कांग्रेसय डाल सकती है अर्जी
नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 6 हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस का कहना है कि वह इस मामले में सोनिया गांधी से भी सहमत नहीं है, जिन्होंने इन दोषियों को माफी दी थी। एनडीटीवी से बातचीत में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, श्इस मामले में कांग्रेस का स्टैंड वही है, जो केंद्र सरकार का है। पार्टी सोनिया गांधी के विचार से सहमत नहीं है। हम अपना विचार सालों से स्पष्ट करते रहे हैं।श् कांग्रेस का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्या कानूनी विकल्प होंगे, उस पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की हत्या किसी अन्य क्राइम की तरह नहीं थी।
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय मसला था। कोई स्थानीय स्तर पर हुई हत्या नहीं थी। तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में एक आत्मघाती हमलवार ने 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। वह श्रीलंका में सक्रिय उग्रवादी संगठन लिट्टे से जुड़ी हुई थी। इस मामले में 7 लोगों को मौत की सजा सुनवाई गई थी। लेकिन सन् 2000 में नलिनी श्रीहरण की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था। सोनिया गांधी के दखल पर यह फैसला लिया गया था। इसके बाद 2008 में प्रियंका गांधी ने पिता की हत्यारिन नलिनी से तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित जेल में मुलाकात की थी।
इसके बाद 2014 में 6 अन्य हत्यारों की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। इसी साल तत्कालीन सीएम जे. जयललिता ने इन लोगों को रिहा कराने की कोशिशें शुरू कर दी थीं। इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एजी पेरारिवेलन को रिहा कर दिया था। इसके बाद नलिनी ने अपनी और अन्य हत्यारों की रिहाई के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था। खुद सोनिया गांधी ने अदालत से नलिनी के प्रति नरमी बरतने की अपील की थी। नलिनी को जब गिरफ्तार किया गया था, तब वह प्रेग्नेंट थी। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सोनिया गांधी ने कई साल पहले यह बयान दिया था।

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