स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में गर्भवती महिला की तीन माह तक न तो जांच हुई न लगा कोई टीका
डीएम की रात्रि चौपाल में खुली स्वास्थ्य सेवाओं की पोल
डीएम ने आशा और एएनएम का वेतन रोका
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई है। स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में गर्भवती महिला की तीन माह तक न तो कोई जांच की गई और न ही कोई टीका लगाया गया। थलीसैण के अंतर्गत ग्राम पंचायत जल्लू में आयोजित रात्रि चौपाल में बताया गया कि गांव की एक गर्भवती महिला को तीन माह होने के बाद भी उसे टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच की सुविधा नहीं मिल पाई है। जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए संबंधित आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री और एएनएम का स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए उनका वेतन रोकने एवं आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही स्थानीय पटवारी को निर्देशित किया कि आंगनवाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को नियमानुसार स्वास्थ्य जांच, काउंसलिंग और टीएचआर (टेक होम राशन) मिलना चाहिए। जिलाधिकारी ने संबंधित महिला के घर जाकर उसके स्वास्थ्य की निगरानी की तथा दी जाने वाली सुविधाओं व टीकाकरण की जानकारी भी ली।
बीते मंगलवार को डीएम पौड़ी डा. आशीष चौहान ने थलीसैंण के जल्लू गांव में रात्रि चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। इस दौरान डीएम ने लापरवाही बरतने पर एक आशा कार्यकत्री और एएनएम का स्पष्टीकरण तलब करते हुए उनके वेतन पर रोक लगाने के आदेश दिए। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान द्वारा विकासखंड थलीसैण के अंतर्गत ग्राम पंचायत जल्लू में रात्रि चौपाल आयोजित कर लोगों की जन समस्याओं की सुनवाई की गई। लोगों द्वारा रात्रि चौपाल में सड़क सुधारीकरण, पेयजल और सिंचाई के लिए टंकी और टैंक निर्माण का कार्य करवाने, पड़ोसी ग्राम पंचायत कपरौली के साथ वन विभाग से संबंधित स्थानीय लोगों को प्राप्त होने वाले परंपरागत हक-हकूक से संबंधित विवाद सुलझाने की मांग, गांव के प्राथमिक स्कूल में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने और विद्यालय के भवन का पुनर्निर्माण करवाने, स्थानीय ग्रामीण द्वारा पेंशन सत्यापन की मांग और मोबाइल टावर कनेक्टिविटी में सुधार करने से सम्बंधित समस्याएं जिलाधिकारी से साझा की गई। डीएम ने पटवारी को प्रथम बार गर्भवती होने वाली और एनीमिया से पीड़ित प्रतीत होने वाली महिला की स्वास्थ्य जांच करवाने एवं इसकी व्यक्तिगत निगरानी करते हुए कृत कार्यवाही का विवरण भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सड़क निर्माण और पुल निर्माण कार्य के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएच) के अधिकारियों को इसकी स्टेटस रिपोर्ट प्रदान करते हुए इसके सुधारीकरण के निर्देश दिए। कपरोली गांव के साथ वन संपदा के स्थानीय हक-हकूक विवाद के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी ने वन विभाग के साथ दोनों ग्राम पंचायतों की संयुक्त बैठक आयोजित कर विवाद को सुलझाने और वन विभाग को अपनी भूमि के डिमार्केशन करने के लिए मौके पर सभी दस्तावेज उपलब्ध रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यूपीसीएल के विद्युत उपखंड अधिकारी (एसडीओ) को दूरभाष पर निर्देशित किया कि प्राथमिक विद्यालय में तत्काल विद्युत कनेक्शन देकर कृत कार्रवाई की सूचना उपलब्ध करवाएं। उन्होंने सिंचाई विभाग को पेयजल और सिंचाई के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु गांव में टैंक निर्माण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी रोशन लाल, तहसीलदार थलीसैण आनंदपाल, एबीडीओ धनपाल सिंह नेगी, उपनिरीक्षक पुलिस संजीव ममगांई, ग्राम प्रधान अमर सिंह नेगी स्थानीय कार्मिक सहित संबंधित ग्रामवासी उपस्थित थे।