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मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी से भारतीय व्यापारी खफा, कारोबारी संबंध तोड़ने की अपील

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मालदीव, एजेंसी। मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अपमानजनक टिप्पणी, अब एक बड़े विवाद में तब्दील होती जा रही है। भारत में इन टिप्पणियों पर कड़ा प्रतिरोध देखने को मिल रहा है। इस विवाद के मद्देनजर, मालदीव की अर्थव्यवस्था के संभावित नुकसान को देखते हुए मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (एमएटीआई) ने बयान दिया है कि वह ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है। मालदीव के इतिहास में भारत हमेशा मुसीबत के समय सबसे पहले आगे आता है। दूसरी तरफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) भी इस विवाद में कूद गया है। मंगलवार को कैट के पदाधिकारियों ने व्यापारियों एवं निर्यातकों से यह अपील की है कि वे मालदीव के साथ व्यापार संबंध तुरंत स्थगित करें।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर व्यापारियों एवं निर्यातकों से अपील की है कि वे मालदीव के साथ व्यापार स्थगित कर दें। विशेष तौर पर मालदीव में कुछ जिम्मेदार तत्वों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के प्रति कड़ा विरोध जताया है। मालदीव के मंत्रियों की वह टिप्पणी केवल पीएम मोदी के खिलाफ ही नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी पर की गईं अपमानजनक टिप्पणियां, किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हैं। इसके लिए मालदीव सरकार को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
खंडेलवाल ने कहा, अंतरराष्ट्रीय संबंध बनाए रखने तथा आपसी व्यापार को जारी रखने के लिए जरूरी है कि संबंधों की मर्यादा रखी जाए। मालदीव के जिम्मेदार लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी कर उस मर्यादा को तार-तार कर दिया है। इस घटना की जितनी भत्र्सना की जाए, उतनी ही कम है। दो देशों के बीच संबंध परस्पर विश्वास के होते हैं, जिससे दोनों के हित जुड़े होते हैं। मालदीव के लोगों को टिप्पणी करने में सावधानी बरतनी चाहिए। कैट ने व्यापारियों से यह आग्रह किया है कि वे अपने व्यापार संबंधों के अंतरराष्ट्रीय प्रभावों को ध्यान में रखें। इस असम्मानपूर्ण आचरण के खिलाफ अपने असहमति को मालदीव के साथ व्यापारिक संबंधों को स्थगित कर व्यक्त करें।

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