कोटद्वार-पौड़ी

विवादित बयान को लेकर सांसद बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ एफआइआर के निर्देश

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गुवाहाटी, एजेंसी। असम के कामरूप की एक कोर्ट ने गुवाहाटी पुलिस को लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ विवादित टिप्पणी के लिए एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। असम जातीय परिषद (।श्रच्) के उपाध्यक्ष दुलु अहमद ने याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रांजीत हजारिका ने गुवाहाटी में हटीगांव पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा। कोर्ट ने 13 दिसंबर को अपने आदेश में थाना प्रभारी या अधीनस्थ अधिकारी को एआइयूडीएफ प्रमुख द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी की जांच करने और अंतिम रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा था।
तीन दिसंबर को हतीगांव पुलिस द्वारा अजमल के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करने के बाद अहमद ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में कहा गया है कि एजेपी नेता ने 6 दिसंबर को शिकायत के साथ गुवाहाटी पुलिस आयुक्त से संपर्क किया था, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। कोर्ट ने याचिका पर गौर करते हुए पाया कि पुलिस आयुक्त और हटीगांव पुलिस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। कोर्ट ने कहा कि शिकायत पर गौर करने से ऐसा लगता है कि इस मामले में पुलिस जांच की जरूरत है।
इससे पहले आल यूनियन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने दो दिसंबर को विवादित बयान देते हुए कहा था कि हिंदुओं को बच्चों के मामले में मुसलमानों का फार्मूला अपनाना चाहिए और बच्चों की कम उम्र में ही शादी कर देनी चाहिए। अजमल ने लव जिहाद को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर भी टिप्पणी की थी।
बदरुद्दीन अजमल ने विवाद बढ़ने के बाद अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। उन्होंने कहा था कि मैं शर्मिंदा हूं। मेरे कहने से अगर किसी को दुख पहुंचा हो तो मैं क्षमा चाहता हूं। मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की नहीं थी। सांसद के बयान पर कई अन्य लोगों ने भी राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अहमद ने अपनी शिकायत में अजमल के खिलाफ कानून के अनुसार कड़े कदम उठाने की मांग की।

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