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गाजा पट्टी के अस्पतालों में इस्राइली सेना की कार्रवाई, ईंधन की किल्लत से 24 मरीजों की मौत

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तेल अवीव , एजेंसी। गाजा के सबसे बड़े हॉस्पिटल- अल शिफ़ा अस्पताल में ऑक्सीजन, ईंधन और अन्य बुनियादी चीजों की किल्लत की खबर है। तीन नवजात शिशुओं और 24 अन्य रोगियों की मौत हो गई है। ईंधन की आपूर्ति खत्म होने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। हिंसक संघर्ष के कारण अब तक दोनों पक्षों को मिलाकर 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
दरअसल, इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच गाजा पट्टी में लड़ाई तेज हो गई है। करीब 42 दिनों से जारी लड़ाई के बीच इस्राइल लगातार हमास को नेस्तनाबूंद करने का संकल्प दोहरा रहा है। इस्राइली सेना की योजना और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आक्रामक नीतियों के बीच मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई देशों ने तत्काल युद्धविराम की अपील भी की है, लेकिन इस्राइल ने कहा है कि वह दक्षिण गाजा सहित हमास के अस्तित्व वाले किसी भी स्थान पर हमला करेगा, भले ही वहां नागरिक शरण ले रहे हों।
बीते 7 अक्तूबर को हमास के हमले में 1400 इस्राइलियों के मारे जाने के बाद इस्राइल ने जमीनी हमला शुरू कर दिया। 42 दिनों के युद्ध के बीच अल शिफा अस्पताल नवीनतम युद्ध क्षेत्र बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस्राइली सैनिक हमास को नष्ट करने के लिए गाजा में कार्रवाई जारी रखे हुए है। फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन, ईंधन और अन्य बुनियादी चीजों की आपूर्ति खत्म हो गई है। इसके परिणामस्वरूप तीन नवजात शिशुओं और 24 अन्य मरीजों की मौत हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-कुद्रा ने कहा, पिछले 48 घंटों में विभिन्न विभागों में चौबीस मरीजों की मौत हो गई है। बिजली कटौती के कारण महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण ठप हो चुके हैं। इस्राइली सैनिकों ने आज तीसरे दिन अस्पताल में तलाशी ली, उनका दावा है कि हमास ने अस्पताल का इस्तेमाल कमांड सेंटर के रूप में किया जा रहा है।
इस्राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमास की सुरंगों के वीडियो जारी किए हैं। सुरंगों के बारे में हमास का दावा है कि अस्पताल परिसर में सुरंग पाए गए थे। आईडीएफ ने अल शिफा में एक बंधक का शव मिलने का भी दावा किया है। इस्राइल ने संचार ब्लैकआउट को समाप्त करने के लिए सीमित डिलीवरी की अनुमति देने के अमेरिकी अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। सहमति बनने के बाद ईंधन की पहली खेप मिस्र से गाजा भेजी गई। अब सहायता काफिले को दो दिनों के लिए रोक दिया गया है।
उत्तरी गाजा पर हमले के बाद, इस्राइल ने एक ताजा चेतावनी जारी की है। इसमें दक्षिणी इलाके में नागरिकों से स्थानांतरित होने और युद्ध क्षेत्र में आने से बचने को कहा गया है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सहयोगी मार्क रेगेव ने कहा, “हम लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कह रहे हैं। मुझे पता है कि उनमें से कई लोगों के लिए यह प्रक्रिया आसान नहीं है, लेकिन हम नागरिकों को गोलीबारी के बीच फंसते नहीं देखना चाहते।”
इस्राइल रक्षा बलों के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि जहां भी हमास मौजूद है वहां सेना आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “हम अपने ऑपरेशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पट्टी के दक्षिण सहित, जहां भी हमास मौजूद है, वहां होगा।”
गौरतलब है कि बीते 7 अक्तूबर को हुए आतंकी हमलों के बाद से इस्राइली सेना ने गाजा शहर के अधिकांश हिस्से पर बमबारी कर उसे मलबे में तब्दील कर दिया। रिपोट्र्स के मुताबिक पीएम नेतन्याहू के निर्देश पर सेना को एन्क्लेव के पूरे उत्तरी आधे हिस्से को ख़त्म करने का आदेश मिला है। मानवीय संकट गहराने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक (पिछले 42 दिनों में) गाजा पट्टी के 2.3 मिलियन फलस्तीनियों में से लगभग दो-तिहाई लोग बेघर हो चुके हैं।

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