न्यूनतम वेतन सहित 12 सूत्रीय मांगों पर शासनादेश जारी करें सरकार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आशा कार्यकत्रियों ने आशा कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने सहित अन्य मांगों को लेकर 53वें दिन तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन जारी रखा। आशाओं ने प्रदेश सरकार से न्यूनतम वेतन सहित 12 सूत्रीय मांगों पर जल्द से जल्द शासनादेश जारी करने की मांग की है।
संगठन की दुगड्डा ब्लॉक अध्यक्ष प्रभा चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आशाओं की मांगों पर विचार करने के लिए 20 दिन का समय मांगा गया था, लेकिन वो समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक शासनादेश जारी नहीं किया। सरकार आशाओं के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को आशाओं की याद बस काम के समय आती है और मानदेय के नाम पर सरकार 2 हजार रूपये देकर आशाओं का शोषण कर रही है। सरकार ने आंख पर पट्टी बांध कर बैठी है। उन्होंने कहा कि जब तक आशाओं की सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक कार्यबहिष्कार जारी रहेगा। प्रभा चौधरी ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम 21 हजार रुपये का मानदेय देने, जब तक मानदेय और कर्मचारियों का दर्जा मिलने तक अन्य विभागों से योजनाओं में लगे कार्मिकों की तरह मानदेय देने, सेवानिवृत्त होने पर पेंशन की सुविधा देने, कोविड कार्यों में लगी आशा कार्यकत्रियों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता, सहित 12 सूत्रीय मांगों पर शासनादेश जारी करने की मांग की है।
प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष प्रभा चौधरी, उपाध्यक्ष मीरा नेगी, सचिव रंजना कोटनाला, यशोदा जखमोला, उमा, सुमित्रा भट्ट, कविता, हेमा, नीलम कुकरेती, मेघा असवाल, मंजू नेगी, कल्पना काला, ऊषा, दीपा रावत, रीता देवी, कल्पना बिष्ट, गीता जदली, भागीरथी भंडारी, सुमित्रा पंत, रोशनी जदली, विमला जोशी, विनीता काला, कुसुम, गोदाम्बरी, संपति, कांती कंडारी, ज्योति रावत, सरिता, संगीता रावत, लक्ष्मी गुंसाई, मीना रावत, मिनाक्षी, कुसुम, विजयलक्ष्मी ध्यानी, संजू नेगी, सीमा, सुरभि, संजू नेगी, राखी, गायत्री देवी, शोभा देवी शामिल थे।