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जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान का उपकेंद्र खुला

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उत्तरकाशी। जिले में जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान गोपश्वर चमोली का उपकेंद्र कार्यालय खुल गया है। कार्यालय के खुलने से जिले में जड़ी बूटी के कृषिकरण को बढ़ावा मिलने से लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार मिलने में मदद मिलेगी।जनपद समन्वयक कार्यालय मनेरा उत्तरकाशी में खोला गया है, जिससे अब जिले में जडी-बूटी उत्पादन को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना है। जडी-बूटी कृषिकरण के लिये उपकेंद्र की ओर से जिले के कृषकों जड़ी बूटी के उत्पादन के लिये तकनीकी ज्ञान एवं प्रोत्साहन देने के लिये जरूरी दिशा निर्देश जारी किये गये है। उपकेंद्र कार्यालय के समन्वयक व वैज्ञानिक डा. डीएस बिष्ट ने बताया कि उपकेंद्र में जड़ी बूटी उत्पादन करने वाले प्रत्येक कृषक का नि:शुल्क पंजीकरण किया जायेगा तथा इसकी सूचना वन विभाग को भी उपलब्ध कराई जायेगी। कृषक को जडी-बूटी उत्पाद प्राप्त होने की दशा में पंजीकरण के आधार पर कृषकों को निकासी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिले में जड़ी बूटी का कृषिकरण होने से पलायान को रोकने में भी मद्द मिलेगी। दुर्लभ जडी-बूटी प्रजातियों का चयन, जडी-बूटी कृषिकरण के लिये प्रोत्साहन एवं नि:शुल्क पंजीकरण, तकनीकी प्रशिक्षण, कृषिकरण, जडी-बूटी पौधशाला विकास, प्रसंस्करण एवं मूल्य वृद्वि, भंडारण, सुखाने के शेड़ आदि के लिये वित्तीय अनुदान की सुविधा होने के साथ ही नये कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिये 5 नाली तक नि:शुल्क पौध वितरित की जायेगी। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जनपद के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लाभकारी दुर्लभ जडी-बूटियां प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होने पर इन क्षेत्रों में जड़ी-बूटियों का कृषिकरण किये जाने की अपार संभावनायें हैं। भटवाडी विकासखंड में भंकोली, अगोडा, पिलंग, वार्सू, रैथल, सूखी, जसपुर, झाला, हर्षिल, गंगोत्री, नौगांव विकासखण्ड में हनुमान चट्टी, खर्साली, यमुनोत्री, मोरी विकासखण्ड में लिवाडी, धारा, गंगाड, ढाटमीर, सिर्गा ,हरकी दून घाटी,डुण्डा विकासखण्ड में उपरीकोट, चैरंगी, फोल्ड, पट्यूडी, ग्यूनोटी तथा पुरोला विकासखण्ड में किमडार, बडियार आदि क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से दुर्लभ जडी-बूटियों का अत्यधिक उपजाउ क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में उपकेन्द्र उत्तकाशी के माध्यम से प्रोत्साहित प्रगतिशील कृषकों की ओर से उच्च हिमालयी लाभकारी दुर्लभ जड़ी-बूटियों का कृषिकरण भी किया जा रहा है।

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