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जिला मुख्यालय गोपेश्वर की सड़कों का हाल बेहाल

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गोपेश्वर। सड़क निर्माण विभागों से प्रतिवर्ष सड़कों की मरम्मत, निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। मगर धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर की सड़कों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। सड़क गड़ढों से पटी हुई है। वाहन सड़क पर हिचकोले खा रहे हैं। परंतु विभाग व प्रशासन चैन की नींद में है।
केंद्र हो या प्रदेश सरकार। शहरों के बाद गांवों को भी सड़कों से जोड़ने की कार्रवाई चल रही है, लेकिन सरकार की योजनाओं को सड़क निर्माण एजेंसियां पलीता लगाने पर तुली हुई हे। बात जिला मुख्यालय की ही करें तो यहां की आंतरिक सड़कें लंबे समय से मरम्मत का इंतजार कर रही है। बस स्टेशन, पुलिस थाना मार्ग, इंदिरा मार्केट, गोपेश्वर गांव सड़क, बसंत विहार, पुलिस लाईन, पेट्रोल पंप, जीरो बैंड समेत अन्य स्थानों पर सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे लंबे समय से दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। ये सड़कें लोक निर्माण विभाग गोपेश्वर के अधीन हैं। रोजाना लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ ही प्रशासन के आला अधिकारी भी इन्हीं सड़कों से गुजरते हैं। अधिकारियों के वाहन भी गड्ढों में हिचकोले खाते हैं। बावजूद इसके अधिकारी सड़कों की स्थिति सुधारने की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं। गड्ढों में कई बाद दुपहिया वाहन गिरकर वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। इसकी कई बार शिकायत करने पर भी कार्रवाई न होने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत का कहना है कि मुख्यालय की आंतरिक सड़कों की मरम्मत के लिए धनराशि स्वीकृत हुई हे। जल्द ही कोल्डमिक्स की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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