Uncategorized

सौंदर्यीकरण कार्य रखरखाव के अभाव में पर्यटकों सहित श्रद्धालुओं को मुंह चिढ़ा रहा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

कर्णप्रयाग। अलकनंदा व पिंडर संगम तट पर बीते वर्ष घाटों सौंदर्यीकरण कार्य रखरखाव के अभाव में आने वाले पर्यटकों सहित श्रद्धालुओं को मुंह चिढ़ा रहा है। देखरेख के अभाव में जहां तैयार करोड़ों का निर्माण कार्य अलकनंदा व पिंडर नदी के मलबे से क्षतिग्रस्त हालत में है, वहीं तैयार शौचालय व प्रतीक्षालयों में मलबा जमा होने से इसका सदुपयोग नहीं हो पाया है।
वर्ष 2017-2018 में केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत पंचप्रयागों में घाट व शवदाह निर्माण कार्य शुरू किया था। इसके तहत कर्णप्रयाग में अलकनंदा व पिंडर संगम एवं पोखरी पुल, गौचर व कालेश्वर में घाट सौंदर्यीकरण निर्माण सिंचाई विभाग ने शुरू किए। निर्माण के दौरान वर्ष 2018 में कार्य वर्षाकाल के दौरान अटका रहा, लेकिन वर्ष 2019 में कर्णप्रयाग संगम पर योजना के तहत सिंचाई विभाग द्वारा 13.5 लाख की लागत से घाट सौन्दर्यीकरण के साथ दो शवदाह स्थल, पोखरी पुल पर घाट निर्माण, सुरक्षा दीवार, संपर्क मार्ग मरम्मत, शौचालय एवं प्रतीक्षालय निर्माण कर बकायदा नमामि गंगा के विशालकाय बोर्ड लगाते हुए निर्माण कार्य पालिका को हस्तांतरित कर दिया। लेकिन, एक वर्ष के भीतर निर्माण कार्यो की जानकारी देने वाले बोर्ड कब जमीन पर आकर कबाड़ में बदल गए पता नहीं चला। जबकि, पोखरी पुल के समीप तैयार प्रतीक्षालय, घाट जाने वाले रास्ते की सुरक्षा दीवार, संगम पर तैयार शौचालय, संपर्क मार्ग देखरेख के अभाव में निर्माण की कहानी बयां कर रहे हैं। पालिका अधिशासी अधिकारी कर्णप्रयाग अंकित राणा की माने तो हस्तांतरण से पूर्व तैयार शौचालय क्षतिग्रस्त हालत में थे और बोर्ड भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। जबकि, वर्षाकाल के दौरान मलबा आने से सुरक्षा दीवार व घाट में मलबा जमा हो गया था, जिसकी मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग से कई बार पत्राचार किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!