उत्तराखंड

काशीपुर को सोलर सिटी बनाने के प्रयास में जुटा केडीएफ

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काशीपुर। काशीपुर डवलपमेंट फोरम (केडीएफ) ने काशीपुर को सोलर सिटी बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। केडीएफ के बैनर तले आयोजित गोष्ठी में उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी ने उत्तराखंड सरकार की नई सोलर नीति पर चर्चा की और उसके लाभों के बारे में भी बताया। गोष्ठी में आए सोलर एक्सपर्ट कंपनी के अफसरों ने भी उद्यमियों के समक्ष अपने प्रोजेक्टस रखे। बुधवार को केडीएफ ने बाजपुर रोड स्थित एक होटल में गोष्ठी का आयोजन किया। उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि नई सौर नीति के तहत अब निजी उपयोग अथवा बिक्री के लिए भी परियोजनाएं लगाई जा सकेंगी। इसके लिए बड़े पैमाने पर टूट का प्रावधान है। दिसंबर 2027 तक प्रदेश में 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन सौर प्रोजेक्ट से होने की उम्मीद है। यूपीसीएल इन परियोजनाओं की बिजली खरीदेगा। एक मेगावाट तक की परियोजना पर करीब पांच करोड़ की लागत का अनुमान है। इस नीति में घरेलू और कार्मशियल उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। यूपीसीएल सौर ऊर्जा का एक ग्रीन टैरिफ भी तैयार करेगा। सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगेंगे। बताया कि इस नीति में लैंड यूज चेंज, न्यायालय, पंजीकरण, भूमि उपयोग अनुमोदन, बाहरी विकास शुल्क समेत अन्य शुल्क में टूट का प्रावधान है। केडीएफ के अध्यक्ष राजीव घई ने नई सौर ऊर्जा नीति के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया। कहा कि औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते काशीपुर को इस नीति का काफी लाभ मिलेगा। निर्बाध बिजली के लिए केडीएफ काशीपुर को सोलर सिटी बनाने की दिशा में प्रयासरत है। गोष्ठी में इवोल्व कंपनी के वीपी एसआई बालाजी, रंजीत सिंह नय्यर ने अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में बताया। यहां विनीत रावल, अमित कुमार, चक्रेश जैन, ड़ प्रदीप रस्तोगी, मधुप मिश्रा, विक्रांत चौधरी, पंकज भल्ला, राकेश गुप्ता, सर्वेश यादव व आशीष बधवार आदि मौजूद रहे।

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