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कोटद्वार में अतिक्रमण हटाने पर दो दर्जन से अधिक लोगों को 8 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

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जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के आदेश पर कोटद्वार में नजूल भूमि व एनएच के फुटपाथ पर हो रखे अतिक्रमण को हटाने के लिये चल रही प्रशासन की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने दो दर्जन से अधिक लोगों के अतिक्रमण पर आगामी 8 जनवरी तक रोक लगा दी है।
यह जानकारी देते हुए क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता शरद गुप्ता ने बताया कि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कोटद्वार के कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट में अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही से राहत पाने के लिये गये थे, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि मामला उत्तराखण्ड हाईकोर्ट से सम्बंधित है, इसलिये आप अपनी बात को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में ही रखें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह राहत जरूर दी है कि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने तक अतिक्रमण पर रोक लगा दी है। इसके लिये सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी 2020 तक की समय सीमा भी तय कर दी है। यानि कि यदि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के फैसले से सहमत न होने वाले लोग 8 जनवरी तक उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में अपनी बात न रख सके तो प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिये उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के निर्देशानुसार स्वतंत्र हो जाएगा।
एडवोकेट शरद गुप्ता ने बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कोटद्वार के दिलबाग सिंह सहित दो दर्जन से अधिक लोगों ने उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी। एडवोकेट शरद गुप्ता ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में याचिका कर्ताओं दिलबाग सिंह व अन्य के अधिवक्ता के अनुसार यह निर्णय चूंकि सुप्रीम कोर्ट का है इसलिये यह याचिकाकर्ताओं के अलावा सब पर भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि अभी निर्णय की प्रति उन्हें नहीं मिली है। इसके अलावा प्रशासन के रूख पर निर्भर करता है कि वह इस फैसले को कैसे कार्यन्वित करता है।
ज्ञातव्य हो कि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के निर्देश पर कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में नजूल भूमि व एनएच के फुटपाथ पर हो रखे अतिक्रमण को हटाने के लिये प्रशासन ने अभियान चला रखा है जिसका शुक्रवार को तीसरा दिन था। इस दौरान नगर निगम व प्रशासन ने कई स्थानों पर जेसीबी के द्वारा तो अनेक अक्रिमणकारियों ने स्वयं अतिक्रमाण हटा दिया है।

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