कोटद्वार नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड के बाहर कूड़े में लगी आग, जनता का जीना हुआ दुष्वार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। ट्रेंचिंग ग्राउंड के बाहर मुक्तिधाम के मुख्य गेट के पास कचरे में आग लग गई है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। कचरे के ढेर में लगी आग के कारण पॉलीथिन सहित अन्य सामग्री के जहरीले धुएं के कारण क्षेत्रवासियों को काफी समस्या हो रही है। इधर आसपास किसानों के खेतों में अभी धान की फसल खड़ी है। हवा के साथ आग की चिंगारी खेतों में पहुंच सकती है। इससे बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
खोह नदी के किनारे स्थित टेंचिंग ग्राउण्ड में निगम के चालीस वार्डों से करीब 50 टन कचरा प्रतिदिन पहुंचाया जाता है। कचरे के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर ढेर लगा दिए जाने के बाद इसमें आये दिन आग लग जाती है। यह आग कैसे लगती है इसकी जानकारी जिम्मेदार अभी तक पता नहीं लगा सके हैं। आग सुलगने के कारण इसके जहरीले धुएं से पर्यावरण पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। इस जहरीले प्रदुषण से मुक्ति पाने के लिए नगर निगम में स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की है, लेकिन इसका समाधान अभी तक नहीं हो सका है। ट्रेंचिंग ग्राउंड के जहरीले धुएं से झूलाबस्ती, लकड़ीपड़ाव, रतनपुर, ग्रास्टनगंज सहित आसपास की करीब पांच हजार की आबादी इस जहरीले धुएं से परेशान हैं। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन इसका समाधान नगर निगम अभी तक नहीं कर सकी है। बीती रविवार देर सांय से टेंचिंग ग्राउण्ड के बाहर मुक्तिधाम के मुख्य गेट के पास कचरे में आग लगी हुई है। जिसे अभी तक नहीं बुझाया गया है। स्थानीय निवासी संतोष, संजय का कहना है कि बीती रविवार सांय से मुक्तिधाम के गेट के पास कचरा जल रहा है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। टेंचिंग ग्राउंड के बाहर कचरे पर आये दिन लग जाने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम प्रशासन को कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन समस्या का निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है।
उधर, नगर निगम के नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि आग बुझाने के लिए कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। जल्द ही आग को बुझा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्थाई टेंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि हस्तातंरण की प्रक्रिया चल रही है।
राज्य गठन के बीस साल बाद भी ट्रेंचिंग ग्राउंड को नहीं मिली बस्ती से दूर जगह
राज्य गठन के 20 वर्ष बाद भी ट्रेंचिंग ग्राउंड को बस्ती से दूर जगह नहीं मिल पाई है। बस्ती के बीच में नगर निगम के चालीस वार्डों का कूड़ा जमा होने से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जनता पिछले कई सालों से ट्रेंचिंग ग्राउंड को शिफ्ट करने की मांग कर रही है, लेकिन अभी तक इसके लिए जमीन नहीं मिल पाई है। कोटद्वार क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए स्थान न होना, जहां क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता को दर्शाता है, वहीं निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाता है। क्षेत्र की जनता लगातार इस ट्रेंचिग ग्राउंड को हटाने की मांग कर रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं।
नगर निगम गठन के बाद ट्रेंचिग ग्राउंड निर्माण के लिए ग्रोथ सेंटर सिगड्डी में भूमि चयनित की गई, लेकिन भूमि हस्तांतरण का मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। खोह नदी के तट पर बने उस अस्थाई ट्रेंचिग ग्राउंड से जहां गर्मियों में जहरीले कूड़े में लगी आग लोगों का जीना दूभर करती है, तो बरसात में कूड़े से उठने वाली दुर्गन्ध आमजन की मुसीबत बढ़ाती है। बताते चलें कि 2009-10 में कोटद्वार नगर पालिका ने खोह नदी के तट पर अस्थाई ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण कराया। इस ट्रेंचिंग ग्राउंड में नगर से उठने वाले कूड़े को फेंकना शुरू कर दिया। इस ट्रेंचिंग ग्राउंड का रतनपुर, कुंभीचौड़ और ग्रास्टनगंज की जनता लगातार विरोध कर रही है। इतना ही नहीं, ट्रेंचिंग ग्राउंड से लगे राजकीय स्पोट्र्स स्टेडियम में पहुंचने वाले खिलाड़ियों के साथ ही स्टेडियम के छात्रावास में रह रहे खिलाड़ी भी इस ट्रेंचिग ग्राउंड के कारण परेशान हैं।