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कोटद्वार पुलिस: हम वर्दी की कैप में हो न हो आप हेलमेट जरूर पहनिये, नशा, ओवर लोड ट्रक, अवैध शराब की चिंता नहीं, बस चिंता है तो हेलमेट की

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार कोतवाली पुलिस कोटद्वार में चल रहे सारे अपराधों से आंखे मूंदकर केवल हेलमेट पर अपना ध्यान फोकस कर रही है। खुद चाहे वर्दी की कैप न पहने पर आम दुपहिया वाहन को हेलमेट पहनना जरूरी कर दिया है। यह बात सही है कि दुपहिया वाहन को हेलमेट पहना जरूरी है लेकिन हेलमेट पहनने का कानून एक साल से ही लागू हो रहा है लेकिन जिस पुलिस के अधिकारी वर्षों से नौकरी कर रहे है उन्हें अपनी वर्दी में पुलिस कैप पहनने में दिक्कत आती है।
कोटद्वार पुलिस ने आजकल कोटद्वार को हेलमेट पहनने के लिए छावनी में तब्दील कर दिया है लेकिन यह नहीं सिखाया कि चालान करने वाले अधिकारी और पुलिस कर्मियों को अपनी पूरी वर्दी पहनें। कोटद्वार पुलिस के ये सब इस्पेक्टर कोटद्वार के चौराहों पर एक कुर्सी लगाकर बिना कैप पहने हुए ही दुपहिया वाहन चालकों के हेलमेट चैक कर रहे है। ऊपर से कहा जा रहा है कि हमारे अधिकारियों ने हमें कैप पहनने के लिए मना किया है। पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को उनकी वर्दी पहने या न पहने यह उनके अधिकारी तय करेगें, क्योंकि उन पर कोई शासनादेश लागू नहीं होता है लेकिन दुपहिया वाहन पर हेलमेट पहनने के लिए शासनादेश लागू होता है। अब इन्हें कौन सिखाये कि जो पुलिस अधिकारी वर्षों से नौकरी रहे है जब उन्हें इतने सालों में कैप पहनने की आदत नहीं पड़ी है तो आम जनता को एक साल में कैसे हेलमेट पहनने की आदत पड़ सकती है। इस फोटो में आप देख सकते है कि चालान करने वाली महिला पुलिस अधिकारी व उसके साथ वीडियों बनाने वाला पुलिस कर्मी खुद अपनी डे्रस की अहम वर्दी कैप पहनना मुनासिब नहीं समझती है लेकिन सामने वाले को हेलमेट पहनने की आदत डालने की बात करती है। इस बात का वाकया आज मेरे साथ घटित हुआ। पुलिस अधिकारी को ये पता नहीं कि हेलमेट न पहनने पर चालान करते समय उसके एवज में ड्राइविंग लाइसेंस तक सीज किया जाता है या नहीं।
कोटद्वार कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने भी कोटद्वार आते ही केवल हेलमेट पर जोर दिया था लेकिन बाकी समस्याओं के लिए उनके मुंह पर ताला लगा हुआ है। कोटद्वार कोतवाली पुलिस को पता है कि कोटद्वार नगर निगम एक बाजार की तरह है फिर भी वह नगर निगम के अंतर्गत हेलमेट को इस बात के लिए अनिवार्य कर रहे है कि शहर में नया कोतवाल आ गया है। जबकि कौड़िया चेक पोस्ट, तिलवाढांग चेक पोस्ट जैसे हाइवे पर पुलिस द्वारा हेलमेट चेक न करना इस बात को पुख्ता करता है कि नया कोतवाल कोटद्वार शहर में हेलमेट के नाम पर अपनी दहशत फैलाने का काम कर रहे है। आज तक नये कोतवाल ने न शहर में कोई स्मैक व अन्य नशीलें पदार्थों का जखीरा पकड़ा है और न ही रोज कोटद्वार कौड़िया चेक पोस्ट से निकलने वाले सैकड़ों अवैध खनन के ओवर लोड ट्रक ही पकड़े है।

अवैध खनन का परिवहन चल रहा है जोरो पर
कोटद्वार कोतवाली पुलिस कोटद्वार में चल रहे अवैध खनन के परिवहन पर कोई ध्यान क्यों नहीं दे रही है यह समझ से बाहर की बात है। शायद उसके पास उसके लिए हेलमेट एक्सपर्ट के अलावा कोई जांबाज अधिकारी मौजूद नहीं है। कौड़िया चेक पोस्ट से मालन, सुखरो और खोह नदी से अवैध खनन कर परिवहन किये जा रहे सैकड़ो ट्रक रोज उत्तर प्रदेश के लिए जाते है फिर भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। पुलिस केवल अपना होने का मतलब जनता को हेलमेट चैक कर दिखा देती है।

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