बदहाल हुआ कोटद्वार-रामणी मार्ग, सिस्टम ने फेरा मुंह
जगह-जगह क्षतिग्रस्त मार्ग में हर समय बना रहता है दुर्घटनाओं का अंदेशा
पूर्व में हुए हादसों के बाद भी सरकारी सिस्टम नहीं ले रहा मार्ग मरम्मत की सुध
तीस किलोमीटर मार्ग पर सफर के दौरान अटकी रहती हैं यात्री व चालकों की सांसें
जयन्त प्रतिनिधि।
यदि आप कोटद्वार- पुलिंडा रामणी मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं। दरअसल, वर्षों से बदहाल स्थिति में पड़ा मार्ग कब अपकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। पूर्व में हुए हादसों के बाद भी सरकारी सिस्टम मार्ग मरम्मत की सुध नहीं ले रहा। मार्ग पर सफर के दौरान यात्री व वाहन चालकों की सांसे अटकी रहती हैं।
दुगड्डा ब्लॉक के अंतर्गत घाड़ क्षेत्र को जोड़ने के लिए वर्ष 1972 में कोटद्वार-पुलिंडा-रामणी-बल्ली मार्ग का निर्माण करवाया गया था। गांव के समीप सड़क पहुंचने के बाद से दर्जनों ग्रामीणों को बेहतर यातायात सुविधा का लाभ मिल रहा था। लेकिन, वर्तमान में पूरी तरह खस्ताहाल हुई सड़क यात्रियों को डरा रही है। जगह-जगह टूटे पुश्ते व गड्ढों के बीच सफर करते समय वाहन चालक व यात्रियों की सांसें अटकी रहती है। कई स्थानों पर सड़क का अधिकांश हिस्सा ही ढह गया है। पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिरने का भय बना हुआ है। कुछ माह पूर्व उक्त मार्ग पर एक कार भी खाई में गिर गई थी, जिसमें दो व्यक्तियों की जान चली गई थी। बावजूद इसके सरकारी सिस्टम मार्ग मरम्मत की सुध लेने को तैयार नहीं है। सबसे बुरी स्थिति बरसात के समय बनी रहती है।
ऐता-चरेख मार्ग भी बदहाल
घाड़ क्षेत्र को जोड़ने के लिए दुगड्डा की ओर से बनाया गया ऐता-चरेख मार्ग भी बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है। उक्त मार्ग पर कहीं भी डामर नजर नहीं आ रहा। मार्ग पर जगह-जगह पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। मार्ग की बदहाली के कारण कई वाहन चालकों ने इस मार्ग का उपयोग करना ही बंद कर दिया है।
पूर्व में ग्रामीण कर चुके हैं प्रदर्शन
कोटद्वार- पुलिंडा रामणी मार्ग, ऐता-चरेख मोटर मार्ग निर्माण के लिए घाड़ क्षेत्र के ग्रामीण कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हर बार उन्हें मार्ग मरम्मत का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन आज तक धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ। स्थिति की जानकारी होने के बाद भी अधिकारी मार्ग की सुध लेने को नहीं पहुंचे।
इन गांव के ग्रामीण करते हैं आवाजाही
कोटद्वार- पुलिंडा रामणी मार्ग, ऐता-चरेख मोटर मार्ग से घाड़ क्षेत्र के ग्राम चरेख, पाली, कफल्डी, सिमलखेत, धरगांव सहित अन्य गांव के सैकड़ों ग्रामीण आवाजाही करते हैं। ग्राम वासियों का कोटद्वार व दुगड्डा आने का एक मात्र मार्ग यही है। बावजूद इसके मार्ग की मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।
अधिकारी का बयान
मार्ग बदहाल होने की जानकारी नहीं है। जल्द ही धरातल की स्थिति पता कर मार्ग मरम्मत का कार्य करवाया जाएगा। …डीपी सिंह, अधिशासी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग, दुगड्डा खंड