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एलएसी पर गतिरोध, आर्थिक सुस्ती़.़ इन मुद्दों पर लोकसभा में चर्चा चाहता है विपक्ष, हंगामे के आसार

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नई दिल्ली , एजेंसी। भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव और अर्थव्यवस्था में सुस्ती जैसे मुद्दे सोमवार से शुरू हो रहे मनसून संसद सत्र में छाए रहेंगे और हंगामे के आसार भी हैं। विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। सत्र आरंभ होने के एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान विपक्षी दलों ने आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी और भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की है।
द्रमुक नेता टी आर बालू ने कहा कि सदन के नेताओं की बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच गतिरोध, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। द्रमुक नेता ने कहा कि उन्होंने ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर संशोधित करने, जीएसटी के तहत संग्रहित राजस्व का हिस्सा राज्यों को नहीं देने के मुद्दे पर भी चर्चा कराने की मांग की। बैठक के बाद बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों के नेताओं ने सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकसभा में सुचारू रूप से काम हो सकेगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन ने भी बैठक में शिरकत की।
जोशी ने कहा कि सरकार उन सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है जिसका फैसला बीएसी में होगा। उन्होंने कहा कि सौहाद्रपूर्ण माहौल में बैठक हुई और सदन के नेता संसद सत्र के लिए एजेंडा पर विचार-विमर्श करने के वास्ते मंगलवार को फिर से बैठक करेंगे। क्या सरकार एलएसी पर भारत -चीन के बीच गतिरोध के संबंध में चर्चा कराने के लिए तैयार है, यह पूटे जाने पर जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए इसका फैसला किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और एक सांसद के निधन के कारण सोमवार को संक्षिप्त कार्यवाही होगी। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद सदन दो विधेयकों पर चर्चा करा सकता है, जिसे राज्यसभा पहले ही पारित कर चुकी है। कोविड-19 महामारी पर मंगलवार को चर्चा शुरू हो सकती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी रविवार को कहा कि उनकी पार्टी चीन के साथ गतिरोध और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा कराना चाहती है।
रमेश ने कहा, हम चीन के साथ सीमा पर स्थिति, अर्थव्यवस्था की हालत, कारोबार बंद होने, एमएसएमई उद्योग की दशा, कोविड-19 महामारी से निपटने, हवाई अड्डों का निजीकरण और मसौदा ईआईए अधिसूचना समेत कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलेगा और राष्ट्र के गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी। हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री आते नहीं हैं और हम चाहते हैं कि वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मौजूद रहें।

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