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उम्मीद के मुताबिक काम कर रहे लैंडर और रोवर; इसरो ने कहा- सभी गतिविधियां तय समय पर

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नई दिल्ली, एजेंसी। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतर गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके बाद अब रोवर को लैंडर मॉड्यूल से बाहर निकाला गया है। इसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
चंद्रयान-3 मिशन केो बारे में इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है। इसरो ने अपने ट्वीट में बताया कि लैंडर और रोवर सही काम कर रहे हैं। सभी गतिविधियां तय समय पर हैं। सभी प्रणालियां सामान्य हैं।
बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनका देश अपने चंद्र मिशन की सफलता पर भारत के साथ खुश है। उन्होंने कहा कि ये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विज्ञान को आगे बढ़ाने में सभी दक्षिण एशियाई देशों के लिए बेहद गर्व और प्रेरणा की बात है। पडोसी देश की पीएम शेख हसीना ने पीएम मोदी को एक संदेश भेजकर बधाई दी।
गौरतलब है कि शेख हसीना और पीएम मोदी दोनों दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। बुधवार को ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा द्वारा आयोजित रात्रिभोज में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात की थी।
राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका को भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि कि इस उपलब्धि को पूरी मानव जाति को समर्पित करने का पीएम मोदी का उदार भाव पीढ़ियों को विज्ञान और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, टीम इसरो और भारत के लोगों को हार्दिक बधाई दी। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की है, हम ऐसा करने वाले पहले देश हैं…पीएम मोदी ने सही कहा कि यह मानवजाति की जीत है।” चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर कठरढअउी के चेयरमैन पवन के. गोयनका ने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि घटना से पहले बहुत घबराहट और चिंता थी क्योंकि हमारा चंद्रयान -2 चंद्रमा पर उतरने से चूक गया था। यह एक परिपूर्ण लैंडिंग थी और इस लैंडिंग के समय पूरा देश उत्साह से भर गया था। उन्होंने कहा, “यहां से हम समझना शुरू करेंगे कि गंतव्य पर क्या हो रहा है…इस प्रयोग का पूरा उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव या दक्षिणी गोलार्ध को थोड़ा बेहतर ढंग से समझना होगा…जो जानकारी हम एकत्र करेंगे यह वह जानकारी है जो अतीत में किसी भी देश द्वारा एकत्र नहीं की गई है।” चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “मुझे इस पर बहुत गर्व है…मैंने इसे लाइव देखा और मैं बहुत खुश हूं।”
पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 ने कल चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की। यह सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय के लिए उपलब्धि है। पीएम ने कहा कि भारत ने जहां टारगेट किया था, हमने वहीं लैंडिंग की। एक कठिन सतह पर हमने सफलतापूर्व लैंडर को लैंड कराया। यह भारत के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। हमें पूरी दुनिया की तरफ से जो बधाई के संदेश मिले हैं। मैं उसके लिए अपने वैज्ञानिकों और देशवासियों की तरफ से आपका शुक्रिया अदा करता हूं।
आदित्य एल-1 और गगनयान मिशन पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने गगनयान और आदित्य एल1 मिशन को लेकर भी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, सूर्य के लिए आदित्य मिशन सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो रहा है। गगनयान पर अभी भी काम चल रहा है। हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए संभवत: सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे, जिसके बाद कई परीक्षण मिशन होंगे जब तक कि हम संभवत: 2025 तक पहला मानव मिशन नहीं कर लेते।
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के पलों को याद करते हुए कहा कि उस दौरान मन पर क्या बीती, इसका वर्णन करना बहुत कठिन है। यह खुशी हो सकती है, यह उपलब्धि का सार हो सकता है और योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देना हो सकता है।
सोनिया गांधी ने सोमनाथ को लिखे पत्र में कहा, “मैं आपको अवगत कराना चाहती हूं कि बीती शाम इसरो द्वारा हासिल की शानदार उपलब्धि से मैं बहुत प्रसन्न हुई। यह सभी भारतवासियों, खासकर युवाओं के लिए गर्व और उत्साह का विषय है।” उन्होंने कहा, “बीते कई दशकों से इसरो की शानदार क्षमताओं का निर्माण हुआ है। इसके पास हमेशा बेहतरीन नेतृत्वकर्ता रहे और सामूहिक प्रयास की भावना रही, जिसने इसे (इसरो) हमेशा आगे बढ़ाया। ” सोनिया गांधी के अनुसार, ” इसरो 1960 के दशक से आत्मनिर्भरता के आधार पर आगे बढ़ा जिसका इसकी सफलता में बड़ा योगदान रहा। ” उन्होंने कहा कि इस मौके पर वह इसरो के प्रत्येक सदस्य को बधाई देती हैं।
चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि.मुझे उस महान क्षण को देखकर बहुत गर्व हो रहा है जिसने भारतीय विज्ञान में इतिहास रचा है। भारत ने दिखा दिया है कि वह विश्व की ज्ञान राजधानी है। इस सफलता की कहानी के लिए पूरी टीम ने काम किया है…हमें इस महान क्षण पर बहुत गर्व है। हम सभी ने खुशी साझा की। अगली पीढ़ी इसे ज़रूर और आगे बढ़ाएगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर इसरो वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी। वह इस मौके पर इसरो के कमांड सेंटर पहुंचे और वैज्ञानिकों से एक-एक कर मिले।

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