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नौसेना कमांडर जगदीश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

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-गोपनीय जानकारी को लीक करने का है आरोप
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौसेना कमांडर जगदीश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। कमांडर जगदीश को संपत्ति की खरीद और रखरखाव से संबंधित गोपनीय जानकारी को लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि छह व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही दो आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि नौसेना कमांडर जगदीश के खिलाफ जांच अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त अधिकारी कमोडोर रणदीप सिंह, कमांडर एसजे सिंह, सेवारत अधिकारी कमांडर अजीत पांडे और हैदराबाद स्थित एलन प्रबलित प्लास्टिक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक सहित कई आरोपियों को पहले ही मामले में डिफॉल्ट जमानत दी जा चुकी है। आपको बता दें कि सीबीआई ने दो सितंबर को सेवानिवृत्त नौसैनिक अधिकारियों कमोडोर रणदीप सिंह और कमांडर सतविंदर जीत सिंह पर छापेमारी की थी। वहीं, कमांडर एसजे सिंह पर प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि 31 जुलाई, 2021 को वीआरएस लेने से पहले वह पनडुब्बी अधिग्रहण निदेशालय (डीएसएमएक्यू) में काम कर रहे थे, उन्होंने कथित तौर पर आर्थिक लाभ के बदले में रणदीप सिंह को आंतरिक विचार-विमर्श की नियमित जानकारी प्रदान की थी।

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बचाव पक्ष के वकीलों ने उठाए सवाल
अधिकारियों ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील अपनी दलीलें देने में कामयाब रहे कि सीबीआइ ने यह बात स्वीकारी थी कि आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की जांच जारी है, लेकिन आरोप पत्र में इसका उल्लेख करने में विफलता मिली जो अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र को अधूरा और कमजोर बना देता है। जिसके कारण वे सभी डिफॉल्ट जमानत के लिए योग्य हो जाते हैं। वहीं बचाव पक्ष के वकीलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए सीबीआई जांच पर तर्क दिया था कि ओएसए के तहत आरोप पत्र दाखिल करने की सीमा 60 दिन है न कि 90 दिन क्योंकि सीबीआई ने इसे गलत तरीके से पेश किया है।

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