उत्तराखंड

न्याय पाने को धरने पर बैठा बंगापानी का मनोज

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पिथौरागढ़। वर्ष 2010 में झूठे आरोप में जेल भेज दिए गए बंगापानी निवासी मनोज कुमार नौकरी न मिलने से खिन्न है। शासन-प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर मनोज एक बार फिर धरने में बैठ गया है।
सोमवार को बंगापानी तहसील के सिलिंग गांव निवासी मनोज टकाना स्थित रामलीला मैदान में धरने में बैठा। युवक ने बताया कि वर्ष 2010 में किसी अज्ञात व्यक्ति ने देहरादून पुलिस को फोन कर परेड ग्राउंड की सभा में सीएम को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इस झूठे आरोप में उसे चार माह जेल काटनी पड़ी। बाद में अदालत ने 11 जनवरी 2017 को मनोज को दोषमुक्त कर दिया था। मनोज का कहना है कि इस मुकदमे के दौरान पुलिस ने उसके साथ बुरी तरह मारपीट की। छह साल चले मुकदमे और उपचार लाखों रुपये बर्बाद हो गए। जिस समय उसे गिरफ्तार किया था वह निजी सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी करने के साथ ही बीए की पढ़ाई भी कर रहा था। इस झूठे मुकदमे से उसका पूरा भविष्य बर्बाद हो गया। कई बार धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन करने पर प्रशासन की ओर से उसे नौकरी का कोरा आश्वासन दिया।

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