पौड़ी गढ़वाल: गदेरे में मिली बच्ची को गोद लेने के लिए जताई कई लोगों ने इच्छा
इच्छा जताने वालों में अधिकारी वर्ग के लोग भी शामिल
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। थाना थलीसैंण के रौली गांव में पुल के नीचे फेंकी गई नवजात बच्ची को गोद लेने के लिए कई लोगों ने इच्छा जताई है। इच्छा जताने वालों में अधिकारी वर्ग के लोग भी शामिल हैं। बच्ची का उपचार अभी राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि नवजात बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
थलीसैंण विकासखंड के रौली गांव में एक नवजात बच्ची गांव के समीप ही बह रहे गदेरे में डाट पुल के नीचे मिली थी। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्ची को उपचार के लिए सीएचसी थलीसैंण में भर्ती कराया था। जहां प्राथमिक उपचार के बाद इस नवजात को बेस अस्पताल श्रीनगर रैफर कर दिया गया था। जहां चिकित्सकों ने नवजात को पूर्ण रूप से स्वस्थ बताया है। मीडिया में खबर प्रकाशित होने पर इस नवजात बच्ची को गोद लेने के लिए कई लोगों ने इच्छा जताई है। इच्छा जताने वालों में अधिकारी वर्ग के लोग भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष इंदु वशिष्ठ ने चिकित्सालय पहुंच नवजात के स्वास्थ्य की जानकारी चिकित्सकों से ली। उन्होंने कहा कि बच्ची के पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ही शिशु निकेतन देहरादून भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद से शिशु निकेतन भेजने वाली पांचवी घटना है।
कारा के माध्यम से होगी गोद लेने की प्रक्रिया
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष इंदु वशिष्ठ ने बताया कि नवजात बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया कारा (सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी) के माध्यम से होगी। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने उनके घर व अस्पताल में आकर बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। इन सभी को कारा के माध्यम से आवेदन करने का सुझाव दिया गया है।
तीन को गोद लेने की अनुमति दे चुकी है समिति
इंदु वशिष्ठ ने बताया कोविड संक्रमण काल के दौरान अब तक चार नवजात शिशुओं को शिशु निकेतन देहरादून भेजा जा चुका है। जिनमें तीन नवजात शिशुओं को गोद लेने की अनुमति समिति की ओर से दे दी गई है। यह पांचवा मामला है। इन पांचों में दो लड़के व तीन लड़कियां हैं।