देश-विदेश

एमएसपी के मसले पर किसान संगठनों की बैठक आज, एसकेएम ने किसानों से 26 नवंबर को जमा होने का किया आह्वान

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसीं। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के अपने फैसले के बाद अब किसान संगठन सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी वाला कानून लाने का दबाव बना रहे हैं। इस मसले पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को होगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में एमएसपी के मुद्दे और आगामी संसद सत्र के दौरान प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च और भविष्घ्य के कदमों के बारे में फैसला लिया जाएगा।
एसकेएम की कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल का कहना है कि संसद तक ट्रैक्टर मार्च का हमारा आह्वान अभी तक कायम है। आंदोलन की भावी रूपरेखा क्घ्या होगी इस पर अंतिम फैसला रविवार को सिंघू बार्डर पर होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इस बैठक में एमएसपी के मुद्दों पर भी चर्चा होगी। एसकेएम सदस्य एवं किसान नेता सुदेश गोयत ने भी कहा कि किसानों ने तय किया है कि संसद में तीनों कृषि कानूनों के वापस लिए जाने तक आंदोलन नहीं छोड़ेंगे। अभी तक ट्रैक्टर मार्च को भी रद करने का फैसला नहीं हुआ है।
इसके साथ ही किसान संघों के प्रमुख संगठन एसकेएम ने किसानों से कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर 26 नवंबर को सभी प्रदर्शन स्थलों पर बड़ी संख्या में जमा होने का आह्वान किया है। एसकेएम शनिवार को यह भी कहा कि उसके पहले से निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेंगे। सभी मांगों को पूरा कराने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। दूसरी ओर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने किसानों की एमएसपी संबंधी मांग में शामिल होते हुए कहा कि जब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी भी डैच् भी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी कानून बन जाए क्योंकि किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुकसान होता है। हम इस मसले पर बातचीत करना चाहते हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने तीनों षि कानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। अभी तक डैच् के मसले पर कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!