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हर्षिल से छितकुल ट्रैकिंग पर गया 11 सदस्यीय दल लापता, आठ ट्रैकर और तीन रसोइये शामिल

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उत्तरकाशी। हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग पर गया 11 सदस्यीय दल लापता है। दल को मंगलवार को छितकुल पहुंचना था। इसमें आठ ट्रैकर और तीन रसोइये शामिल हैं, जबकि उनके साथ गए छह पोर्टर दो रोज पहले छितकुल पहुंच गए थे। लापता दल की खोजबीन के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने बुधवार को हेलीकाप्टर से सर्च अभियान चलाया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। लापता सदस्यों में एक महिला भी है। उधर, हिमाचल के किन्नौर जिले के अधिकारी सीमा पर तैनात आइटीबीपी से संपर्क बनाए हुए हैं।उत्तरकाशी के हर्षिल से छितकुल की पैदल दूरी 80 किलोमीटर के करीब है। यह ट्रैक क्यारकोटी बुग्याल होते हुए 5500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा पास से होकर छितकुल पहुंचता है। 11 अक्टूबर को मोरी सांकरी स्थित एक ट्रैकिग एजेंसी के माध्यम से आठ ट्रैकर, तीन कुकिग स्टाफ और छह पोर्टर सहित 17 सदस्यीय दल हर्षिल से छितकुल के लिए रवाना हुआ था। 18 अक्टूबर को छह पोर्टर लम्खागा पास के निकट पर्यटकों का सामान छोड़कर छितकुल पहुंच गए। 19 अक्टूबर तक ट्रैकिंग दल के छितकुल न पहुंचने पर एजेंसी ने राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गुरुवार को छितकुल से खोज-बचाव दल ट्रैकरों की तलाश में भेजा जाएगा।
भारत-चीन सीमा पर आइटीबीपी के गश्ती दल से बिटुड़े तीन पोर्टर के शव नीला पानी चौकी से डेढ़ किमी बार्डर की ओर बर्फ में दबे मिले।
बुधवार शाम को आइटीबीपी 12वीं वाहिनी मातली के द्वितीय कमान अधिकारी नेहाल ङ्क्षसह भंडारी ने इसकी सूचना हर्षिल थाने में दी। स्थानीय नागरिकों ने मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है। चीन सीमा पर नियमित गश्त के लिए 15 अक्टूबर को चार पोर्टर के साथ आइटीबीपी के हिमवीरों की टीम नीलापानी चौकी से रवाना हुई थी।
वापसी में 17 अक्टूबर को बर्फबारी के दौरान पोर्टर संजय सिंह, राजेंद्र सिंह और दिनेश चौहान बिटुड़ गए। जबकि, चौथा पोर्टर आइटीबीपी की टीम के साथ नीलापानी चौकी में लौट गया। आइटीबीपी के खोज-बचाव दल ने बुधवार दोपहर को तीनों के शव बर्फ से बरामद कर लिए। पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि शव नेलांग पोस्ट से हेलीकाप्टर के जरिये मातली लाए जाएंगे।

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