उत्तराखंड

ई-पास की अनिवार्यता खत्म करने को लेकर केदारघाटी में अधिकांश बाजार रहे बंद

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में ई-पास की अनिवार्यता खत्म करने को लेकर सोमवार को केदारघाटी में अधिकांश बाजार बंद रहे। घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी मजदूरों ने भी सेवाएं बंद की। सोनप्रयाग में आक्रोशित लोगों ने एक सभा आयोजित की। इधर तीर्थयात्रियों को बिना संसाधनों के केदारनाथ धाम जाने में मुश्किलें उठानी पड़ी।
सोमवार को केदारघाटी में ई-पास के विरोध में गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में व्यापारिक प्रतिष्ठान, होटल, ढाबे पूरी तरह बंद रहे। घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी सेवाएं भी ठप रही। सोनप्रायग में मुख्य कार्यक्रम के दौरान सभी ने मिलकर आंदोलन को सफल बनाने की अपील की। यात्रा से जुड़े सभी लोगों ने आंदोलन को पूरा समर्थन दिया। कहा कि सरकार को हर हाल में ई-पास की बाध्यता को खत्म करना होगा। पर्यटकों को केदारघाटी क्षेत्र में आने दिया जाए। प्रदर्शन होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें सम्पूर्ण केदारघाटी के व्यवसायियों ने एकजुट होकर साथ दिया। एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी कहा कि तहसीलदार ऊखीमठ के माध्यम से ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने को लेकर ज्ञापन भी सरकार को भेजा गया है। सभी व्यवसायियों द्वारा कहा गया कि बीते कुछ दिनों में यदि सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो गर कोई निर्णय नही सभी केदारघाटी के व्यवसायी बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी और कनिष्क प्रमुख ऊखीमठ शैलेन्द्र कोटवाल ने भी आंदोलन को समर्थन दिया। इस मौके पर होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रियुगीनारायण रामचन्द सेमवाल, प्रधान कविल्ठा अरविंद सिंह राणा, घोडा खच्चर संगठन के अध्यक्ष अनूप गोस्वामी, अशोक कुनियाल, अंकित भट्ट, महेंद्र सेमवाल के साथ ही बड़ी संख्या में होटल व्यवसायी, घोड़ा खच्चर संचालक, मजदूर मौजूद थे।

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